अक्सर टीचर्स के द्वारा हमें यह बताया जाता है की हर बच्चे के अंदर कोई ना कोई प्रतिभा होती हैरान बस उसे पहचानने की आवश्यकता होती हैं। यदि हम अपनी प्रतिभा को पहचान जाए और उसके ऊपर काम करने लगे तो हम अपनी प्रतिभा से संबंधित अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। लेकिन हम अपनी प्रतिभा को कैसे (Talent kya hai?)पहचान सकते हैं इसके विषय में हमें जानकारी नहीं होती।
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको अपने अंदर की प्रतिभा को कैसे (Talent ko pehchanne ke tarike) पहचान सकते हैं उसके विषय में जानकारी देंगे यदि आप भी इस विषय में जानकारी चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पड़े।
प्रतिभा का अर्थ
अपने अंदर की प्रतिभा (Talent ka meaning) को जानने से पहले हमें यह जानकारी होनी चाहिए की प्रतिभा या टैलेंट क्या होती है। टैलेंट वह है जब हम किसी कार्य को अपनी पूरी मेहनत और लगन के साथ समय देकर करते हैं। जिस बच्चे के अंदर जो टैलेंट होता है वह उसे काम को करने में बोरियत महसूस नहीं करता।

वह उसे काम को दूसरे से बेहतर तरीके से करता है और उसे उसे काम को करने में मजा आता हैं। बच्चा अपने अंदर की टैलेंट को अपने आप डेवलप करता है उसे बाहर के किसी प्रेशर डालने की आवश्यकता नहीं होती।
उदाहरण के लिए यदि बच्चे के अंदर सिंगिंग का टैलेंट है तो अपने आप ही वह गानों को सुन सुनकर अपने अंदर के टैलेंट को विकसित करने का प्रयास करेगा। उसे किसी बाहरी प्रेशर या बाहरी टीचर की आवश्यकता नहीं होगी वह उसे और बेहतर करने का प्रयास करता है। इसी को प्रतिभा या टैलेंट कहा जाता है।
विशेष गुण :
प्रकृति के द्वारा हर बच्चे के अंदर एक विशेष गुड दिया जाता है। हमारी प्रकृति इतनी सुंदर हैरान जितना सुंदर उसने अपने आप को बनाया है हम इंसानों को बनाया है जानवरों को बनाया है। हर व्यक्ति में भिन्नता है हर पशु में भिन्नता हैं। हर व्यक्ति की अपनी-अपनी एक क्वालिटी होती है।
एक पहचान होती है हर व्यक्ति के अंदर एक टैलेंट पाया जाता हैं। यदि व्यक्ति अपने अंदर छिपे टैलेंट को सही समय पर पहचान लेता हैरान और उसका इस्तेमाल करने लगता है तो आसपास के लोगों में उसे व्यक्ति की बधाई हो जाती है।
इसलिए यह समझना आवश्यक हो जाता है कि आपके अंदर छिपे टैलेंट को आपको पहचान की कितनी आवश्यकता हैरान यदि आप अपने टैलेंट पर काम करने लगते हैं तो अपने जीवन में बहुत बड़ी सफलता को हासिल कर पाते हैं।
आपका टैलेंट को आपको करने में और मजा आता है और किसी भी तरीके का प्रेशर झेलना नहीं पड़ता। हर व्यक्ति के अंदर अलग तरीके के टैलेंट हो सकते हैं। जैसे कोई सिंगर डांसर चित्रकार आदि तरीके के टैलेंट बच्चों के अंदर होते हैं। हमें स्कूल में भी कई बार हमारे अलग-अलग क्षेत्र में प्रदर्शन के लिए हमें प्रस्तुत किया जाता है।
और टीचर्स के द्वारा भी हमें यह बताया जाता है कि हम किन-किन क्षेत्रों में और बेहतर कर सकते हैं। उससे भी हम यह अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे अंदर किस तरीके का टैलेंट है। यदि वह अपनी इन सभी प्रतिभा को पहचान लेता है और उसे पर काम करना शुरू कर देता है तो वह बहुत कुछ कर सकता हैं। इसलिए हमें अपने अंदर के प्रतिभा को पहचानने की बहुत आवश्यकता होती है।
अपने अंदर के टैलेंट को कैसे पहचाने
हम अपने अंदर छिपे (Talent ko pehchanne ke tarike) टैलेंट को कैसे पहचान सकते हैं। उसके विषय में आपको नीचे पॉइंट्स के माध्यम से जानकारी प्रदान की गई है।
1. अपने इंटरेस्ट को ध्यान में देकर :
हर व्यक्ति को अलग-अलग चीजों में इंटरेस्ट होता है कोई गाना पसंद करता है कोई नाचना पसंद करता हैं। किसी को समाज सेवा अच्छी लगती है या फिर कोई चित्रकार बनना चाहता है। हम किन कामों को पूरे मन से करते हैं और हमें ऐसे कामों को करने के लिए किसी बाहरी प्रेशर की आवश्यकता नहीं होती वही हमारा टैलेंट होता है।
जिस काम को करने में हमें बहुत इंटरेस्ट आता है और उसे काम को हमें बार-बार करने का मन करता हैं। इसको आप अपना टैलेंट कह सकते हैं। आपको बस इस पर पूरे लगन और मेहनत के साथ काम करना है। और आत्मविश्वास के साथ इसे निखारने की आवश्यकता होती है।
2. स्कूल एक्टिविटीज को देखें :
स्कूल में ऐसी बहुत सारी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज करवाई जाती है जिनमे हम पार्टिसिपेट करते हैं और मेडल प्राप्त करते हैं। हमें अपनी स्कूल की एक्टिविटीज की तरफ ध्यान देना चाहिए।
हमें यह देखना चाहिए कि इन सारी एक्टिविटीज में सबसे अच्छा हम किस में परफॉर्म कर पा रहे हैं किस में हमें अधिक मैडल मिल रहे हैं। जिस क्षेत्र में आप सबसे अच्छा परफॉर्म करते हैं और मेडल जीते हैं वही आपका टैलेंट होता हैं।
कभी-कभी क्लासेस में टीचर्स के द्वारा भी आपको यह बताया जाता है कि यदि आप पढ़ाई के अलावा इन क्षेत्रों पर कम करें तब भी अपने जीवन में सफल हो सकते हैं। इसलिए हमें अपने प्रतिभा को कहीं ना कहीं से पहचान की बहुत ज्यादा आवश्यकता है।
3. आत्मविश्वास :
कई बार बच्चों को अपने अंदर छिपे इंटरेस्ट के विषय में या प्रतिभा के विषय में जानकारी तो मिल जाती है और उन्हें लगे भी लगता है कि शायद उनके अंदर यह टैलेंट हैं। परंतु वह अपने जीवन में आगे से संबंधित कुछ कर भी पाएंगे या नहीं यह उन्हें डर लगने लगता हैं। इसलिए आत्मविश्वास बच्चों के अंदर होना बहुत ज्यादा जरूरी है।
बच्चों को पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी प्रतिभा को पहचानने के बाद उसे पर काम करना शुरू करना चाहिए। किसी भी क्षेत्र में या कभी भी डरना नहीं चाहिए कि यदि हम उसमें सफल नहीं हुए तो क्या हुआ। हमें एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए चाहे किसी भी क्षेत्र में हम सफल हो या ना परंतु हमें उसे कार्य को करने का तजुर्बा आ जाता है जो सबसे ज्यादा जरूरी है।
4. दूसरे से तुलना न करना :
हमें अपनी तुलना कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति से नहीं करनी चाहिए। हर बच्चे के अंदर अलग तरीके का टैलेंट होता है हर बच्चे को प्रकृति में अलग-अलग बनाया है। उनके इंटरेस्ट अलग होते हैं और उनकी वर्किंग हैबिट्स भी अलग होती है।
सभी के अंदर उनकी क्षमताएं अलग होती हैं जिसके कारण कुछ लोग जल्दी सफल हो जाते हैं और कुछ लोगों को सफलता देरी से मिलती हैं। परंतु यदि आप अपने प्रतिभा पर मेहनत करते रहते हैं तो आपकी मेहनत बेकार नहीं जाती और आपको एक दिन सफलता अवश्य प्राप्त होती है।
यदि दूसरे बच्चों से आप अपनी तुलना करना शुरू कर देते हैं तो आपको अपने मन में घृणा और हीन भावना जागृत होना शुरू हो जाती हैं। आपको यह लगने लगता है कि आप अपने जीवन में कुछ हासिल नहीं कर पाएंगे क्योंकि आपकी से उम्र का बच्चा अपने जीवन में बहुत कुछ कर गया हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने इमोशंस को कंट्रोल में रखें और अपने इंटरेस्ट पर काम करते हैं ना कि दूसरों से तुलना करने का प्रयास करें। इसलिए हर बच्चे को यह सलाह दी जाती है कि उसे इस कार्य को चुनना चाहिए। जिसमें उसे करने में मजा आता हो जिसमें उसका इंटरेस्ट हो और वह आसानी से उसे कार्य को कर पता है।
5. अनुशासन :
यह बहुत जरूरी है कि बच्चा हमेशा अनुशासन में रहे और अनुशासन रूप से अपने प्रतिभा के ऊपर काम करता रहे अपने प्रतिभा पर काम करना भी आपकी स्टडीज की तरह होता हैं। यदि आप रोज थोड़ा-थोड़ा करके उसे संवारते हैं और निकलते हैं तभी आपकी प्रतिभा आपको पूरी तरह आ पाएगी।
हमारे पूरे जीवन में चाहे हम कोई भी काम करना चाहे कोई भी काम सरल नहीं होता। हर काम को करने के लिए हमें मेहनत करनी पड़ती है। इसलिए हमें अपने प्रतिभा को निखारने के लिए भी मेहनत करने की आवश्यकता हैं।
हर छोटी-छोटी चीज पर मेहनत करने से हम एक बहुत अच्छे और बहुत सफल इंसान बन सकते हैं। इसलिए हमें हमेशा अनुशासन में रहना चाहिए और रोजाना अपनी प्रतिभा पर काम करना चाहिए।
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं उनके उत्तर (FAQ)
Q. हम अपने अंदर के टैलेंट को कैसे पहचान सकते हैं?
हम अपने इंटरेस्ट को देखकर और अपनी स्कूली एक्टिविटीज को देखकर अपने टैलेंट को पहचान सकते हैं।
Q. हमें दूसरों से तुलना क्यों नहीं करनी चाहिए?
हमें दूसरों से तुलना इसलिए नहीं करनी चाहिए. क्योंकि हर बच्चा अलग होता हैं। उसके अंदर अलग-अलग पर दुआएं होती है।
Q. बच्चों के लिए आत्मविश्वास कितना महत्वपूर्ण है?
बच्चा यदि आत्मविश्वास से परिपूर्ण है तो वह अपने जीवन में कुछ भी हासिल कर पता है।
Q. बच्चों के अंदर किस प्रकार की टैलेंट हो सकते हैं?
बच्चों के अंदर सिंगिंग डांसिंग चित्रकार समाज सेवा आदि तरीके के टैलेंट हो सकते हैं।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको अपने अंदर की प्रतिभा को (Talent ko pehchanne ke tarike) कैसे पहचाने के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है। यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप कमेंट करके कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हमारे आर्टिकल के द्वारा प्रदान की हुई जानकारी बिल्कुल ठोस और सटीक है ।अगर आपको हमारा आर्टिकल पसंद आए तो आप इसे अवश्य शेयर करें । हमारा आर्टिकल पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद।