दोस्तों, आप सभी ने कोशिका के बारे में कहीं ना कहीं आवश्यकता और पर पढ़ा होगा। इस विषय के बारे में वह विद्यार्थी ज्यादा जानते हैं, जो जीव विज्ञान को बहुत विस्तार से पढ़ते हैं। कोशिका की जानकारी आज के समय में हर छोटी से छोटी क्लास में हर बच्चे को दी जाती है। ताकि कोशिका से संबंधित संपूर्ण जानकारी आप सभी को पता हो। परंतु फिर भी लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है। यदि आप लोग कोशिका के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा इस लेख में आपको Koshika kya hoti hai? Koshika ki khoj kisne ki? इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है।
दोस्तों, आप सभी को कोशिका के महत्व के बारे में पता होना चाहिए। कोशिका के बिना दुनिया में उपस्थित कोई भी प्राणी अपने शरीर की कल्पना भी नहीं कर सकता है, परंतु ऐसा क्यों है? बहुत से लोगों की मन में यह सवाल होगा। इसके लिए आवश्यक है कि आप कोशिका से संबंधित संपूर्ण जानकारी को विस्तार पूर्वक जानें। हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख में What is the cell? When and who discovered the cell? Types of cells? आदि के बारे में विस्तार पूर्वक बताया जा रहा है। इससे संबंधित अधिक जानकारी को प्राप्त करने के लिए आपको यह लेख अंत तक आवश्यक तौर पर पढ़ना होगा।
कोशिका क्या है? (What is the Cell?)
दोस्तों, बहुत से ऐसे छात्र होंगे। जिन्हें कोशिका के बारे में कोई भी जानकारी नहीं होगी। हमारे द्वारा आप सभी को यहां What is the cell? इसके बारे में बताया जा रहा है।

दोस्तों, कोशिका हमारे जीवन की आधारभूत, संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई होती है। हमारी पृथ्वी पर आपको विभिन्न प्रकार के जीवधारी दिखाई देंगे, परंतु हर कोई एक दूसरे से भिन्न होता है।
पेड़ पौधे, मनुष्य और अमीबा आदि सभी का शरीर कोशिका से मिलकर ही बना होता है, परंतु फिर भी हर जीवधारी अलग दिखाई देता है क्योंकि उनके अंतर्गत कोशिका अलग-अलग प्रकार से स्थापित होती है। दोस्तों, कोशिका बहुत ही छोटी होती हैं, जिन्हें माइक्रोस्कोप की सहायता से देखा जाता है।
जिस प्रकार से हम सभी के घरों की दीवार को बनाने के लिए एक-एक ईंट का इस्तेमाल किया जाता है, उसी प्रकार हमारे शरीर को बनाने के लिए एक-एक कोशिका का इस्तेमाल किया जाता है। कोशिका की सहायता से ही जीवित प्राणियों का शरीर बनाया जाता है। इसीलिए कोशिका को बिल्डिंग ब्लॉक्स ऑफ लाइफ के नाम से भी जाना जाता है। यही कारण है कि कोशिका मानव शरीर में अपनी अहम भूमिका निभाती है।
कोशिका की खोज कब और किसने की (when and who discovered cell?)
दोस्तों, अब आप सभी के मन में जरूर यह सवाल आया होगा की कोशिका की खोज कब और किसके द्वारा की गई? तो हम आपको बता दें, कोशिका की खोज सर्वप्रथम Robert hooke ने 1665 में की थी। इन्होंने इस खोज के दौरान अपने द्वारा बनाए गए माइक्रोस्कोप के अंतर्गत पेड़ की छाल से निकले कॉर्क को देखा था, देखने पर उन्हें उसे कोर्ट में बॉक्स जैसी संरचना दिखाई दी थी।
इस संपूर्ण संरचना की तुलना उनके द्वारा मधुमक्खी के छत्ते से की गई इन बॉक्स को ही रॉबर्ट हुक के द्वारा कोशिका का नाम दिया गया था। दोस्तों, अगर आप cell शब्द पर गौर करें, तो यह एक लैटिन भाषा का शब्द होता है। जिसका मतलब एक छोटा कैमरा (Little room) होता है। हम आपको बता दें, कि रॉबर्ट हुक के द्वारा जिस कोशिका की खोज की गई थी वह एक मृत कोशिका थी।
यदि जीवित कोशिका की बात करें, तो जीवित कोशिका की खोज Anton van leeuwenhoek के द्वारा 1674 में की गई थी। इन्होंने तालाब के पानी में सर्वप्रथम जीवित कोशिका को प्राप्त किया था। इस प्रकार कोशिका हम सब के अस्तित्व में आई थी।
कोशिका का सिद्धांत? (Theory of Cell?)
दोस्तों, अब हम आपको कोशिका के सिद्धांत के बारे में जानकारी दे रहे हैं। यह सिद्धांत आप सभी लोगों ने आवश्यक तौर पर पड़ा होगा, परंतु जो लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं। उनके लिए यह जानकारी प्राप्त करना बहुत आवश्यक है।
कोशिका का सिद्धांत सबसे पहले Schleiden के द्वारा 1838 में और Schwann के द्वारा 1839 में प्रतिपादित किया गया था, परंतु इस सिद्धांत पर 1855 में Rudolf Virchow के द्वारा पुनः कार्य किया गया था। कोशिका सिद्धांत से संबंधित मुख्य बिंदु निम्न प्रकार है-
- सभी जीवित प्राणी कोशिका से मिलकर बने होते हैं।
- कोशिका सभी जीवधारियों के जीवन की मूलभूत इकाई होती है।
- सभी पुरानी कोशिकाएं नई कोशिकाओं से ही बनती हैं।
कोशिका के प्रकार? (Types of cell?)
दोस्तों, देखा जाए तो कोशिका की संरचना के आधार पर कोशिकाओं को दो भागों में विभाजित किया गया है। जिनके बारे में हमारे द्वारा आप सभी को नीचे विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है-
1. प्रोकैरियोटिक कोशिका (Prokaryotic cell)
दोस्तों, प्रोकैरियोटिक कोशिका वह कोशिकाएं होती हैं। जो पुराने तरह की होती है। इस प्रकार की कोशिका में आपको केन्द्रक कला देखने को नहीं मिलती है। अर्थात हम कह सकते हैं कि प्रोकैरियोटिक कोशिका के अंदर आपको एक स्पष्ट केंद्र देखने को नहीं मिलता है तथा कोशिका का क्रोमेटं साइटोप्लाज्म में ऐसे ही पड़ा रहता है। प्रोकैरियोटिक कोशिका मुख्य तौर पर बैक्टीरिया और माइकोप्लाज्मा आदि में पाई जाती है।
2. यूकैरियोटिक कोशिका (Eukaryotic cell)
दोस्तों, यूकैरियोटिक कोशिका को एक सुसज्जित कोशिका के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसमें आपको सुव्यवस्थित केंद्रक देखने को मिलता है। इस कोशिका के केंद्रक के चारों ओर केंद्रक कला उपस्थित होती है। अर्थात इस कोशिका का क्रोमैटिन केंद्रक के अंतर्गत की उपस्थिति होता है। यूकैरयोटिक कोशिका पेड़-पौधों, जानवरो आदि में पाई जाती है।
कोशिका की संख्या के आधार पर जीवों के प्रकार? (Types of organisms based on number of cells?)
दोस्तों, हमारी पृथ्वी पर हर जीव धारी एक दूसरे से भिन्न दिखाई देता है और यह भिन्नता उसकी संरचना पर आधारित होती है। अर्थात यदि आप किसी की संरचना में भिन्नता देखते हैं, तो वह भिन्नता कोशिका की संख्या पर आधारित होती है। कोशिका की संख्या के आधार पर जीवों को दो मुख्य प्रकार में विभाजित किया गया है। जिसकी जानकारी निम्न प्रकार दी गई है-
1. एक कोशिकीय जीव (Unicellular organism)
दोस्तों, हमारे पृथ्वी पर ऐसे बहुत से जीव धारी हैं। जो केवल एक ही कोशिका से मिलकर बने होते हैं। इसीलिए कोशिका की संख्या के आधार पर उन्हें एक कोशिकीय जीव कहते हैं। एक कोशिकीय जीव उदाहरण के तौर पर पैरामीशियम और अमीबा को कहा जाता है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के जीव एक कोशिकीय होते हैं।
2. बहुकोशिकीय जीव (Multicellular organism)
बहुकोशिकीय जीव उन जीवधारी को कहा जाता है। जिनके शरीर एक से अधिक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है। बहुकोशिकीय जीव के अंतर्गत पेड़-पौधे, जानवर तथा मानव जाति के सभी जीव आते हैं।
कोशिका के भाग? (Parts of the cell?)
दोस्तों, कोशिका हम सभी जीवधारियों के शरीर की मूलभूत इकाई होती है। कोशिका के माध्यम से ही हम अपने जीवन में संपूर्ण कार्य करने हेतु सक्षम होते हैं। कोशिका के द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्य किए जाते हैं, जिन्हें करने के लिए कोशिका के अंतर्गत विभिन्न भाग उपस्थित होते हैं। हमारे द्वारा आप सभी को नीचे कोशिका की संरचनाओं की संपूर्ण जानकारी दी गई है। यह जानकारी निम्न प्रकार है-
1. कोशिका झिल्ली (Cell membrane)
दोस्तों, कोशिका झिल्ली किसी भी कोशिका के चारों ओर पाई जाती है। यह एक प्रकार की अर्ध पारगम्य झिल्ली होती है। जो की सबसे बाहरी परत है, यह झिल्ली कार्बन डाइऑक्साइड, ऑक्सीजन और जल जैसे कुछ चुनिंदा पदार्थों को ही कोशिका के अंदर आने जाने की अनुमति प्रदान करती है। कोशिका झिल्ली के द्वारा ही कोशिका को एक निश्चित आकार भी प्राप्त होता है। कोशिका झिल्ली को प्लाज्मा झिल्ली के नाम से भी जाना जाता है।
2. कोशिका भित्ति (Cell wall)
दोस्तों, कोशिका भित्ति कोशिका झिल्ली के अंतर तथा कोशिका के बाहर पाए जाने वाली दूसरी परत होती है। कोशिका भित्ति केवल पादप कोशिका के अंतर्गत ही उपस्थित होती है। यह आपको जंतु कोशिका में देखने को नहीं मिलती है। कोशिका भित्ति पादप कोशिका को आकार, सुरक्षा और कठोरता प्रदान करने का कार्य करती है।
3. केंद्रक (Nucleus)
दोस्तों, केंद्रक कोशिका के मध्य में पाया जाता है। यह कोशिका के संपूर्ण कार्य को नियंत्रित करता है। यही कारण है कि इसे Brain of the cell के नाम से भी जाना जाता है। केंद्रक की खोज रॉबर्ट ब्राउन के द्वारा 1831 में की गई थी। केंद्रक के अंतर्गत एक द्रव्य पाया जाता है। जिसे केंद्रक द्रव्य के नाम से जानते हैं।
केंद्रक के चारों तरफ एक केंद्रक कला होती है जिसमें आपको छिद्र देखने को मिलते हैं। यह छिद्र केंद्रक और कोशिका द्रव्य के मध्य पदार्थ के आवागमन को नियंत्रित करने का कार्य करते हैं। केंद्रक कोशिका का एक मुख्य अंग होता है। केंद्रक के अंतर्गत आपको एक धागेनुमा संरचना देखने को मिलती है। जिन्हें क्रोमेटिन कहते हैं।
4. कोशिका द्रव्य (Cytoplasm)
दोस्तों, कोशिका के अंतर्गत जैली जैसा एक तरल पदार्थ उपस्थित होता है। जिसके अंतर्गत आपको विभिन्न प्रकार के कोशिकांग देखने को मिलते हैं। इस तरल पदार्थ को ही कोशिका द्रव्य के नाम से जाना जाता है।
कोशिका के मुख्य कोशिकांग? (Cell organelle of cell?)
दोस्तों, कोशिका के अंतर्गत कोशिका द्रव्य में आप सभी को विभिन्न प्रकार की संरचनाएं देखने को मिलती हैं। इन सभी संरचनाओं को कोशिकांग कहते हैं, प्रत्येक कोशिकांग के द्वारा विभिन्न प्रकार के मुख्य कार्य किए जाते हैं। यदि आप लोग कोशिका के मुख्य कोशिकांग के बारे में जानना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आप सभी को इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी निम्नलिखित प्रकार से दी है-
1. माइटोकांड्रिया (Mitochondria)
दोस्तों, माइटोकांड्रिया आपको जंतु और पादप कोशिका के अंतर्गत देखने को मिलता है। माइटोकांड्रिया जंतु और पादप दोनों कोशिका के लिए मुख्य कोशिकांग होता है। माइटोकांड्रिया के द्वारा पचाए गए भोजन का ऑक्सीकरण करके ऊर्जा का निर्माण किया जाता है।
यह ऊर्जा माइटोकांड्रिया के द्वारा कोशिका को प्रदान की जाती है। यही कारण है कि हम सभी माइट्रोकांड्रिया को Power of the cell के नाम से जानते हैं। माइटोकांड्रिया के द्वारा कोशिका को एटीपी के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है।
2. राइबोसोम (Ribosome)
दोस्तों, राइबोसोम भी कोशिका का एक मुख्य अंग होता है। इसकी संरचना बहुत ही छोटी-छोटी और गोलाकार होती है। यह मुख्य तौर पर कोशिका द्रव्य में और एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम के ऊपर देखने को मिलते हैं। राइबोसोम की सहायता से ही प्रोटीन का निर्माण होता है।
यही कारण है कि राइबोसोम प्रोटीन निर्माण में मुख्य भूमिका निभाते हैं। राइबोसोम भी दो प्रकार के होते हैं- 70A और 80A दोस्तों, 70A राइबोसोम प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में पाए जाते हैं, जबकि यूकैरियोटिक कोशिकाओं के अंतर्गत 70A और 80A दोनों प्रकार के राइबोसोम देखने को मिलते हैं।
3. एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic reticulum)
दोस्तों, एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम जैसी संरचना केंद्र से जुड़ी रहती है। यह संरचना कोशिका द्रव्य के अंतर्गत जाल की तरह उपस्थिति रहती है यदि एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम की बात की जाए तो यह मुख्य दो प्रकार के होते हैं स्मूथ एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम रफ एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम।
i) रफ एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम (Rough endoplasmic reticulum) :-
दोस्तों, जब एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम की सतह पर आपको राइबोसोम देखने को मिलते हैं। तब एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम की सतह खुरदरी हो जाती है। जिस कारण इसे रफ एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम कहते हैं। इसकी शॉर्ट फॉर्म RER होती है, एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम के द्वारा प्रोटीन निर्माण के लिए सात प्रदान की जाती है।
ii) स्मूथ एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम (Smooth endoplasmic reticulum):-
दोस्तों, कुछ एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम की सतह पर आपको राइबोसोम देखने को नहीं मिलते हैं। इस एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम को स्मूथ एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम के नाम से जाना जाता है। इसको शॉर्ट फॉर्म में SER कहते हैं, यह लिपिड का निर्माण करने में सहायक होते हैं।
4. गोल्गी बॉडीज (Golgi bodies)
दोस्तों, गोल्गी बॉडी भी कोशिका के अंतर्गत मुख्य भूमिका निभाती है। इसके द्वारा पदार्थ को स्टोर करने का, उनमें बदलाव करने का और उनकी पैकिंग करने का संपूर्ण कार्य किया जाता है। परंतु पादप कोशिका के अंतर्गत गोल्गी बॉडी स्पष्ट रूप से देखने को नहीं मिलती है। यही कारण है कि पादप कोशिका के अंतर्गत गोल्गी बॉडीज को Dictyosome के नाम से जाना जाता है।
5. लाइसोसोम (Lysosome)
दोस्तों, लाइसोसोम भी कोशिका द्रव्य में पाई जाती है, परंतु यह सबसे छोटी संरचना होती है। यह आकार में गोलाकार होती है। लाइसोसोम के अंतर्गत पाचक एंजाइम उपस्थित होते हैं, जिनके द्वारा हानिकारक कानों का पाचन किया जाता है। अगर कभी किसी भी कोशिका में क्षति हो जाती है, तो यह स्वयं की कोशिका को पचाने का कार्य भी करते हैं। यही कारण है कि लाइसोसोम को आत्मघाती थैली (Suicidal bag) के नाम से भी जाना जाता है।
6. वैक्यूल्स (Vacuoles)
दोस्तों, वैक्यूल एक थैली के आकार जैसी संरचना होती है। जो कोशिका के अंतर्गत पाई जाती है, इसके द्वारा कोशिका में भोजन, जल, मल आदि को स्टोर करने का कार्य किया जाता है। जंतु कोशिका के अंतर्गत यह बहुत ही छोटे आकार की संरचना में होते हैं, परंतु इनकी संख्या जंतु कोशिका में बहुत अधिक होती है। वही पादप कोशिका के अंतर्गत यह व्यक्ति आकार में बहुत बड़े होते हैं, परंतु उनके संख्या कम पाई जाती है। यही कारण है कि पादप कोशिका में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
7. लवक (Plastids)
दोस्तों, लवक केवल पादप कोशिका में ही पाए जाते हैं, परंतु यह तीन प्रकार के होते हैं। यदि आप लवक के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे द्वारा आपको नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है-
i) Chloroplast:- दोस्तों, पादपो में पाए जाने वाले हर लवक को ही क्लोरोप्लास्ट के नाम से जाना जाता है। क्लोरोप्लास्ट का हरा रंग उसके अंतर्गत उपस्थित क्लोरोफिल पिगमेंट के कारण होता है। इसके द्वारा ही प्रकाश संश्लेषण की क्रिया संभव होती है, जिस कारण पादप कोशिकाएं भोजन बनाने में सक्षम होती हैं।
ii) Chromoplast:- दोस्तों, क्रोमोप्लास्ट उस लवक को कहते हैं, जिनमें हरा रंग नहीं पाया जाता है। हरे रंग के अलावा इस लवक के अंतर्गत अन्य कई रंग पाएं जाते हैं, उसे क्रोमोप्लास्ट कहते हैं।
iii) leucoplast:- दोस्तों, ल्यूकोप्लास्ट लवक रंगहीन लवक होते हैं, उनके द्वारा स्टार्च, प्रोटीन और फैट को स्टोर करने का कार्य किया जाता है।
कोशिका क्या होती है? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs)
Q:- 1. कोशिका क्या होती है?
Ans:- 1. दोस्तों, कोशिका हमारे जीवन की आधारभूत, संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई होती है। कोशिका के द्वारा ही सभी जीवधारियों का शरीर बनता है। जिस प्रकार हमारे घर को बनाने में ईटों के द्वारा कार्य किया जाता है, उसी प्रकार हमारे शरीर को बनाने में कोशिका कार्य करती है। यही कारण है कि हम कोशिका को Building blocks of life के नाम से जानते है।
Q:- 2. कोशिका की खोज कब और किसके द्वारा की गई?
Ams:- 2. दोस्तों, कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक के द्वारा सन 1665 में की गई थी। उनके द्वारा अपने द्वारा बनाए गए माइक्रोस्कोप से पेड़ की छाल की कॉर्क को देखा गया था। जिसमें उन्हें बॉक्स जैसी संरचना देखने को मिलती है। इन्हे रॉबर्ट हुक के द्वारा कोशिका कहा गया था। इनके द्वारा मृत्यु कोशिका की खोज की गई थी।
Q:- 3. जीवित कोशिका की खोज किसने की और कैसे?
Ans:- 3. दोस्तों, Cell लैटिन भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ little room होता है। जीवित कोशिका की खोज 1674 में Anton van Leeuwenhoek ने की थी। उनके द्वारा जीवित कोशिका को सर्वप्रथम तालाब के पानी में देखा गया था। इस प्रकार जीवित कोशिका हमारे अस्तित्व में आई।
Q:- 4. कोशिका कितने प्रकार की होती हैं?
Ans:- 4. दोस्तों, कोशिका मुख्य दो प्रकार की होती है- प्रोकैरियोटिक और यूकेरियोटिक। प्रोकैरियोटिक कोशिका वह कोशिकाएं होती हैं, जिनके अंतर्गत आपको स्पष्ट केंद्रक और केंद्रक कला देखने को नहीं मिलते हैं। परंतु जिन कोशिकाओं के अंतर्गत आपको स्पष्ट केंद्र तथा केंद्रक कला देखने को मिलते हैं, उन्हें यूकैरियोटिक कोशिका के नाम से जाना जाता है।
Q:- 5. माइटोकॉन्ड्रिया का क्या कार्य होता है?
Ans:- 5. दोस्तों, माइटोकांड्रिया एक कोशिका के अंतर्गत अहम भूमिका निभाता है। माइटोकांड्रिया पादप तथा जंतु दोनों कोशिका में पाया जाता है। माइटोकांड्रिया के द्वारा कोशिका के द्वारा बचाए गए भोजन का ऑक्सीकरण करके ऊर्जा का निर्माण किया जाता है। माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका का ऊर्जा प्रदान करने का कार्य करता है। यह कोशिका को एटीपी के रूप में ऊर्जा प्रदान करता है
Q:- 6. केंद्रक क्या होता है और केंद्रक की खोज किसने की?
Ans:- 6. दोस्तों, केंद्रक कोशिका के मध्य में पाया जाने वाला एक मुख्य अंग है। इसके द्वारा कोशिका के विभिन्न प्रकार के कार्यों को नियंत्रित किया जाता है। केंद्रक की खोज रॉबर्ट ब्राउन के द्वारा 1831 में की गई थी। केन्द्रक के अंतर्गत धागे नुमा संरचना पाई जाती है। जिसे क्रोमैटिन के नाम से जानते हैं, केंद्रक प्रोटीन संश्लेषण में भी मदद करता है।
Q:- 7. कोशिका की संख्या के आधार पर जीव कितने प्रकार के होते हैं?
Ans:- 7. कोशिका की संख्या के आधार पर देखा जाए, तो जीव दो प्रकार के होते हैं- एक कोशिकीय जीव तथा बहुकोशिकीय जीव। एक कोशिकीय जीव वह होते हैं, जो एक कोशिका से मिलकर बने होते हैं, जैसे:- अमीबा, पैरामीशियम तथा बहुकोशिकीय जीव वह होते हैं, जो दो या दो से अधिक कोशिका से मिलकर बने होते हैं। जैसे:- जानवर, पेड़-पौधे और मानव जाति आदि।
निष्कर्ष (Conclusion):- हमारे द्वारा आप सभी को इस लेख के माध्यम से कोशिका के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है हमने आपको विस्तार पूर्वक इस लेख में Koshika kya hoti hai? Koshika ki khoj kab aur kisne ki? Koshika ke prakar? आदि के बारे में बताया है। जो लोग कोशिका के बारे में कोई भी जानकारी नहीं रखते हैं। उन लोगों के लिए हमारा यह लेख बहुत फायदेमंद साबित रहा होगा क्योंकि हमने आप सभी को कोशिका से संबंधित सभी जानकारी प्रदान की है। हम उम्मीद करते हैं कि आप सभी को हमारे द्वारा दिया गया यह लेख अवश्य पसंद आया होगा। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई हो, तो आप हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताइए। साथ ही इस लेख को अपने सभी जरूरतमंद दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले।