जज क्या होता है? जज कैसे बने? योग्यता, कार्य और वेतन

शुरुआत से ही भविष्य के लक्षण विद्यार्थियों में चमकने लगते हैं। कोई साइंस में दिलचस्पी लेता है, तो कोई इंजीनियर बनने में दिलचस्पी लेता है। परंतु बहुत से विद्यार्थी आपको कानून की पढ़ाई में दिलचस्पी लेते भी दिखाई देंगे। हमारे आस पास बहुत से लोग ऐसे होंगे। जो जज बनना चाहते हैं। जज बनना कोई आसान कार्य नहीं है। यह तो हम सब जानते हैं, परंतु यदि कोई व्यक्ति जज बनना चाहता है। तो उसे जज बनने के लिए पूरी मेहनत करनी होगी। हालांकि उससे पहले इसकी जानकारी को प्राप्त करना आवश्यक है। इसीलिए हमारे द्वारा What is a judge? How to become judge? इसके बारे में जानकारी दी गई है। ताकि आपको आगे किसी प्रकार की परेशानी ना हो।

आजकल सभी विद्यार्थी शुरुआत से ही अपने सपनों को बुलंद रखते हैं तथा उसे पाने की कोशिश करते हैं। यदि कोई व्यक्ति जज बनना चाहता है। तो उसे शुरुआत से ही अपनी कमर कस लेनी चाहिए क्योंकि जज बनने के लिए उन्हें तरह-तरह की किताबों को पढ़ना पड़ता है। साथ ही शुरुआत से ही अपना ध्यान कानून की तरफ लगाना होता है। आजकल हमारे देश में न्याय हेतु एक अच्छे जज की बेहद आवश्यकता है। इसीलिए हमारे द्वारा आप सभी को इस आर्टिकल के अंतर्गत Judge kya hota hai? Judge kaise bane? Judge ki salary? आदि के बारे में बताया गया है। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

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जज क्या होता है? (What is a judge?)

जज बनने के लिए आपको जज बनने के बारे में जानना पड़ेगा। परंतु उससे पहले आपको यह जानना आवश्यक है कि What is a judge? जज को हिंदी में न्यायाधीश के नाम से जाना जाता है। जज के साथ अन्य लोग भी होते हैं। यह सब मिलकर सम्मिलित रूप से न्यायालय में कार्यवाही करते हैं तथा इन सब की अध्यक्षता एक न्यायाधीश यानी जज के द्वारा की जाती है। जज का कार्य आसान नहीं होता है। उन्हें संपूर्ण सबूतों को देखते हुए किसी दोषी व्यक्ति को सजा देनी होती है। परंतु न्यायाधीश यह फैसला बहुत मुश्किलों के साथ कर पाता है।

जज क्या होता है जज कैसे बने योग्यता, कार्य और वेतन

हालांकि न्यायधीश यह निर्णय केवल अकेले नहीं लेता है। न्यायधीश अन्य वकीलों के साथ राय मशवरा करने के बाद ही किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचता है। न्यायधीश के द्वारा किया गया न्याय सभी लोगों को मानना होता है। किसी भी जज को निष्पक्ष होकर फैसला लेना पड़ता है। जो भी व्यक्ति कानूनी मामलों का निर्णायक होता है। उसे न्यायाधीश कहते हैं। भले ही न्यायधीश सभी से मशवरा करके किसी निर्णय पर पहुंचता हो। परंतु अंतिम निर्णय न्यायाधीश का ही होता है।

जज कैसे बने? (How to become a judge?)

हमें उम्मीद है कि अब आपको जज किसे कहते हैं? इसके बारे में कोई भी शंका नहीं होगी। परंतु जो लोग जज बनना चाहते हैं। उनको किन-किन चरणों से होकर गुजरना पड़ेगा? उन सभी को इसकी जानकारी पता होना बेहद आवश्यक है। यदि आपको इसके बारे में नहीं पता है। तो हमारे द्वारा आप सभी को नीचे How to become a judge? इसके बारे में बताया गया है। यदि आप नीचे दिए गए सभी स्टेप्स को फॉलो करेंगे। तो अपने जज बनने के सपने को जल्दी पूरा कर सकेंगे। हमारे द्वारा बताई गई जानकारी निम्न प्रकार है-

1. 12th क्लास अच्छे नंबरों के साथ बात करें (Pass 12th class with good marks)

यदि आप जज बनना चाहते हैं, तो आपको शुरुआत से ही पढ़ाई में मेहनत करनी होगी। सर्वप्रथम आप 10th क्लास अच्छे नंबरों के साथ पास करें। साथ ही साथ 12th क्लास में अपनी कोई भी मनपसंद स्ट्रीम लेकर कम से कम 60% अंक लाकर पास करें। 12th क्लास में आपको अपनी पढ़ाई में बहुत मेहनत करनी होगी क्योंकि इस क्लास को पास करने के बाद आप अपने जज बनने के रास्ते पर चल पड़ेंगे। 12th क्लास में आपको अपना बेस मजबूत करना होगा। ताकि आपको आगे पढ़ाई में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न ना हो।

2. एलएलबी कोर्स को करें (Do LLB course)

जब आप 12th क्लास को 60% अंकों के साथ पास कर लेंगे। इसके तत्पश्चात आपको एलएलबी का कोर्स करना होगा। यह कोर्स 5 साल का होता है। यदि आप 12th करने के बाद कोई भी स्नातक की डिग्री प्राप्त कर चुके हैं। तथा उसके पश्चात एलएलबी कोर्स करना चाहते हैं। तब भी आप एलएलबी का कोर्स कर सकते हैं। तब यह एलएलबी का कोर्स आपके लिए 3 साल का हो जाएगा। परंतु आपको इस कोर्स में बहुत मन लगाकर पढ़ाई करनी होती है क्योंकि इसके अंतर्गत आपको संपूर्ण कानून की पढ़ाई कराई जाती है। जो आगे आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी।

3. 7 साल का वकालत अनुभव रखें (Have 7 year advocacy experience)

एलएलबी कोर्स की पढ़ाई करते समय आपको बहुत मेहनत करनी पड़ती है। परंतु जब आप एलएलबी की डिग्री हासिल कर लेते हैं। तब आपको 7 साल किसी भी कोर्ट में वकालत करनी होती है। यदि आप जज बनना चाहते हैं, तो 7 साल का वकालत करने का अनुभव आपके पास होना आवश्यक है। तभी आप आगे चलकर जज के लिए निकलने वाली वैकेंसी में आवेदन करने हेतु सक्षम हो सकेंगे। तथा जज बनने के लिए पेपर दे सकेंगे। साथ ही साथ आपको इस बात का भी अनुभव हो जाएगा, कि कोर्ट के अंतर्गत कैसे कार्य किया जाता है? यह अनुभव आपके लिए आगे चल कर फायदेमंद ही साबित होगा।

4. राज्य लोक सेवा आयोग न्यायिक सेवा परीक्षा दे (State public service commission judicial service examination)

यदि आप न्यायाधीश बनने की इच्छा रखते हैं तथा आपने 7 साल का वकालत अनुभव प्राप्त कर लिया है। तो आप जज बनने की परीक्षा में बैठने के लिए सक्षम है। प्रत्येक राज्य के द्वारा जज के पद हेतु राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से वैकेंसी निकाली जाती है। न्यायिक सेवा परीक्षा राज्य के अंतर्गत ही आयोजित कराई जाती है। प्रत्येक राज्य इस परीक्षा को अलग-अलग प्रकार से करा सकता है। इस परीक्षा में आप आवेदन करने हेतु तभी संभव होते हैं, जब आप 7 साल का अनुभव वकालत में प्राप्त कर चुके होते हैं। इस परीक्षा को पास करने के लिए किसी व्यक्ति को तीन चरणों से होकर गुजरना पड़ता है जोकि निम्न प्रकार है-

  • प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary exam)
  • मुख्य परीक्षा (Main exam)
  • इंटरव्यू (Interview)

#1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary exam)

इस परीक्षा का पहला चरण प्रारंभिक परीक्षा होती है। जिसको पास करना सभी उम्मीदवारों के लिए अनिवार्य है। इसके अंतर्गत अभ्यार्थियों को 2 पेपर देने पड़ते हैं। प्रथम पेपर सामान्य ज्ञान का होता है। इस प्रश्न पत्र में आपको 150 अंको के प्रश्नों के उत्तर देने पड़ते हैं। इस पूरे प्रश्नपत्र को सॉल्व करने के लिए आपको 2 घंटे का समय दिया जाता है। यदि इस चरण के दूसरे पेपर की बात करें, तो वह लॉ का होता है। इस पेपर के अंतर्गत उम्मीदवारों को 300 अंकों के प्रश्न के उत्तर देने होते हैं। इस संपूर्ण प्रश्नपत्र को भी हल करने के लिए आपको अलग से 2 घंटे का समय दिया जाता है। इस प्रकार इन दोनों परीक्षाओं को पास करके आप इसके प्राथमिक चरण को पास कर सकेंगे।

#2. मुख्य परीक्षा (Main exam)

यदि आप प्रारंभिक परीक्षा को पास कर लेते है। उसके तत्पश्चात ही आपको अगले चरण में भेजा जाता है अर्थात प्रारंभिक परीक्षा को जो विद्यार्थी पास कर लेते हैं। उनको मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। यह दूसरा चरण कहलाता है। दूसरे चरण में उम्मीदवारों को पांच पेपर से होकर गुजरना पड़ता है। जिसके लिए उन्हें 3 घंटे का समय दिया जाता है। यदि वह मुख्य परीक्षा को पास कर लेते हैं। वह अगले चरण में जाने योग्य होंगे अन्यथा वह इसी चरण से डिसक्वालीफाई हो जाएंगे। इसीलिए आपको मुख्य परीक्षा के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। ताकि आप यहां तक आकर वापस ना जाए।

मुख्य परीक्षा के अंदर आपका पहला पेपर सामान्य ज्ञान का होता है। जिसमें आपको 150 अंक के प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। इसके तत्पश्चात भाषा का पेपर होता है, जो कि दूसरा पेपर होता है। इसमें 200 अंकों के प्रश्नों के उत्तर देने होते है। तीसरे पेपर में आपको लॉ-1 पेपर देना होता है। आपको इसमें 200 अंकों के प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं। इसके तत्पश्चात लॉ-2 आपका चौथा पेपर होता है। इसमें आपको 200 अंकों के ही प्रश्न दिए जाते हैं। मुख्य परीक्षा के अंतर्गत आपको आखरी पेपर लॉ-3 का देना होता है। जिसमें 200 अंकों के ही प्रश्न के उत्तर दिए जाते हैं। अर्थात हम कह सकते हैं कि मुख्य परीक्षा में आपसे 950 अंकों के प्रश्न पूछे जाते हैं। यह परीक्षा पास करना आपके लिए अनिवार्य होता है।

#3. इंटरव्यू (Interview):-

जो उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा को पास कर लेते हैं। उन उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। इस पूरे इंटरव्यू के 100 नंबर उम्मीदवारों को मिलते हैं। इंटरव्यू के लिए आपको मेंटली और फिजिकली बहुत अच्छे से तैयारी करनी पड़ती है क्योंकि इसके अंतर्गत उम्मीदवारों की तर्कशक्ति का निर्धारण किया जाता है। इसके अंतर्गत उम्मीदवार का कॉन्फिडेंस देखा जाता है। जब आपका इंटरव्यू अच्छे से हो जाता है। तो आपको इसके रिजल्ट का इंतजार करना होता है। यदि आप इन सभी में अच्छे नंबर प्राप्त करते हैं। तो आपका जज के पद पर सिलेक्शन हो जाता है।

5. जज की पोस्ट पर कार्यरत हो जाए (Get judge post)

अब आप जज की पोस्ट पर कार्यरत हो सकते हैं। ऊपर दी गई संपूर्ण प्रक्रिया को अपनाने के लिए व्यक्ति को बहुत मेहनत करनी पड़ती है क्योंकि प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा को पास करना बहुत मुश्किल होता है। मुख्य परीक्षा में आपसे पांच पेपर लिए जाते हैं। जिनकी तैयारी आपको बहुत मेहनत से करनी पड़ती है। जज बनना इतना आसान नहीं होता है। उसके लिए आपको दिन-रात एक करनी पड़ती है तथा ऊपर दिए गए तीनों चरणों से होकर गुजारना पड़ता है। तब जाकर आप जज की पोस्ट पर कार्यरत होते है।

जज बनने के लिए भारत के सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालय? (Best university for becoming a judge in india?)

यदि आप जज के पद पर कार्यरत होना चाहते हैं। तो आपको इसके लिए लॉ की पढ़ाई करनी होगी। लॉ की डिग्री आप चाहे तो किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ले सकते हैं। कुछ लोग एक अच्छे संस्थान से लॉ की डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं। परंतु उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती है। आज हमारे द्वारा आप सभी को नीचे Best university for becoming a judge in india? के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई है। ताकि आप एक अच्छे विश्वविद्यालय से अपनी लॉ की डिग्री हासिल कर सकें। हमारे द्वारा आप सभी को भारत में उपस्थित प्रसिद्ध विश्वविद्यालय की जानकारी निम्न प्रकार से दी गई है-

  • गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई (Government law college, mumbai)
  • बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (Banaras hindu university)
  • गुजरात लॉ यूनिवर्सिटी (Gujarat law university)
  • आई एल एस लॉ स्कूल, पुणे (ILS Law school, pune)
  • राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ (Ram manohar lohia national law university, lucknow)
  • वेस्ट बेंगल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ जुडिशल साइंस, कोलकाता (west bengal national university of judicial science, kolkata)
  • राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, पटियाला (Rajiv gandhi national university of law, patiyala)
  • नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल (National law institute university, bhopal)
  • इंडियन लॉ इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली (Indian law institute, new delhi)
  • नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया, बेंगलुरु (Nation law school of india, bengaluru)

जज बनने के लिए क्वालिफिकेशन? (Qualification for becoming a judge?)

जज बनने के लिए आपके पास कुछ योग्यताएं होनी चाहिए। ताकि आप जज बनने के योग्य हो सके। जज की पोस्ट एक बहुत बड़ी पोस्ट होती है। जिसमें आपको एक निर्णायक के रूप में कार्य करना पड़ता है। इसलिए इस पोस्ट पर आने से पहले आपके पास बहुत ही योग्यताएं होनी चाहिए। यदि आप जज बनना चाहते हैं और आपको इसकी जानकारी नहीं है। तो हमारे द्वारा नीचे आप सभी को Qualification for becoming a judge? के बारे में संपूर्ण जानकारी बताई गई है। यह जानकारी पॉइंट के माध्यम से हम आपको बता रहे है। जो कि निम्न प्रकार है-

  • सर्वप्रथम आपको 12वीं कक्षा किसी भी स्ट्रीम के साथ पास करनी होगी। तथा इस कक्षा में आपको 60% अंक लाना अनिवार्य है।
  • 12वीं पास करने के बाद उम्मीदवार को 5 साल का एलएलबी कोर्स करना होगा।
  • यदि आप स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के तत्पश्चात एलएलबी कोर्स करना चाहते हैं। तो आप कर सकते हैं, तब यह कोर्स 3 साल का हो जाता है।
  • एलएलबी डिग्री प्राप्त करने के तत्पश्चात आपके पास 7 साल का वकालत अनुभव होना आवश्यक है।
  • आपके अंदर कॉन्फिडेंस की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।
  • आप हर स्थिति में निर्णय लेने हेतु सक्षम होने चाहिए।
  • उम्मीदवार को बहुत ही ज्यादा मेहनती और ईमानदार होना चाहिए। तभी वह इस पेशे में कार्य कर सकता है।
  • आपको वकालत की पढ़ाई के बारे में संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए।

उम्र सीमा (Age limit):- 

यदि कोई व्यक्ति किसी कोर्ट में जज बनना चाहता है। तो सभी को इसकी उम्र सीमा की जानकारी होनी चाहिए। इसीलिए हम आपको यहां जज बनने की उम्र सीमा के बारे में बता रहे है। जज बनने हेतु न्यूनतम आयु 35 वर्ष तथा अधिकतम आयु 60 वर्ष की होती है। परंतु अभी जल्दी में ही 114 वां संविधान संशोधन विधेयक पारित होने के पश्चात जज की रिटायरमेंट की आयु बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है अर्थात हम कह सकते हैं कि 5 वर्ष आयु को आगे बढ़ा दिया गया है। इससे अधिक आयु होने पर आप किसी भी प्रकार से जज नहीं रह सकते हैं।

जज बनने के फायदे? (Benefits of becoming a judge?)

कोई भी व्यक्ति कोई भी कोर्स फायदे के लिए ही करता है। इसीलिए जो लोग जज बनने की इच्छा रखते हैं। उनमें से कुछ लोग इस बात की जानकारी भी प्राप्त करना चाहता है, कि जज बनने के फायदे क्या क्या होते हैं? यदि आप भी इसकी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। तो हमारे द्वारा आप सभी को नीचे Benefits of becoming a judge? के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी जा रही है। यह जानकारी पॉइंट के माध्यम से आप तक पहुंचाई जा रही है। यह संपूर्ण पॉइंट निम्न प्रकार है-

  • आपको एक निर्णायक के रूप में देखा जाता है तथा आपके निर्णय का सभी लोगों को पालन करना होता है।
  • इस क्षेत्र में आपको पैसे की कभी कोई कमी नहीं होती है। आप इस क्षेत्र में रहकर बहुत अच्छी कमाई कर सकते हैं।
  • यदि आप न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हो जाते हैं। तो आपको संपूर्ण सिक्योरिटी दी जाती है। ताकि आपके ऊपर किसी प्रकार का कोई खतरा ना रहे।
  • समाज के अंतर्गत आपको बहुत अधिक मान प्रतिष्ठा दी जाती है।
  • 7 साल की वकालत अनुभव से आपको कोर्ट के अंतर्गत संपूर्ण घटित होने वाली घटनाओं की जानकारी हो जाती है।
  • ऊपर दिए गए फायदे आपको तभी प्राप्त होते हैं।

जब आप जज के पद पर कार्यरत हो जाते हैं।

जज के कार्य? (Work as a judge?)

जैसे कि आप जानते हैं कि जज को बहुत जिम्मेदारी भरा कार्य करना पड़ता है। जज निष्पक्ष होकर निर्णय करता है। उसे दोनों पक्षों में से किसी एक पक्ष को नहीं देखना होता है। परंतु फिर भी जज के द्वारा इसके अलावा दूसरे बहुत से कार्य किए जाते हैं। यदि आप जज के कार्य की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। तो हमारे द्वारा नीचे Work as a judge? के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई है। यदि आप यह जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। तो नीचे दिए गए पॉइंट को ध्यानपूर्वक पढ़ें। जो कि निम्न प्रकार है-

  • जज का सबसे महत्वपूर्ण कार्य यह होता है, कि वह दोनों पक्षों के गवाहों की बातों को सुने।
  • दोनों पक्षों के द्वारा जिस प्रकार के भी सबूत जज के सामने रखे जाते हैं। उन सबूतों की अच्छे से जांच पड़ताल करने का कार्य भी एक जज के द्वारा ही होता है।
  • दोनों पक्षों की संपूर्ण बात सुनने के बाद ही अपने निर्णय पर पहुंचना तथा पूर्ण रूप से उनके मामले को सुलझाने का कार्य भी जज के द्वारा ही किया जाता है।
  • इन सभी कार्यो के अलावा भी विभिन्न प्रकार के कार्य जज के द्वारा किए जाते हैं।
  • ऊपर दिए गए संपूर्ण कार्य एक जज के द्वारा ही किए जाते हैं।

जज की सैलरी? (Salary of judge?)

हमारे देश में जज की अलग-अलग पोस्ट होती है। इसलिए अच्छी सैलरी भी उनके पद पर ही निर्भर करती है। वैसे तो आपको इस क्षेत्र में सैलरी की कमी नहीं होती है। परंतु फिर भी हमारे द्वारा आपको कुछ औसतन सैलरी की जानकारी दी गई है। यदि कोई व्यक्ति जूनियर सिविल जज के पद पर कार्यरत होता है। तो उसे ₹45 हज़ार रुपए प्रति माह सैलरी दी जाती है। परंतु यदि वह वरिष्ठ जज के पद पर कार्यरत होता है। तो उसे ₹80 हज़ार रुपए प्रतिमाह सैलरी प्रदान की जाती है। जजों को सैलरी राज्य के अनुसार ही मिलती है। यह वेतन प्रत्येक राज्य में अलग-अलग हो सकता है।

वहीं यदि हाईकोर्ट के जजों की बात की जाए, तो हाईकोर्ट के जजों की सैलरी ज्यादा होती है। यदि आप हाईकोर्ट में जज के पद पर कार्यरत हैं। तो आपको 2.50 लाख रुपए प्रति महीने सैलरी दी जाती है। जबकि हाई कोर्ट में उपस्थित अन्य जजों को 2.25 लाख रुपए सैलरी मिलती है। सर्वोच्च न्यायालय में तो जजों को सैलरी इससे ज्यादा मिलती है। परंतु इस पोस्ट तक पहुंचने के लिए उन्हें बहुत अनुभव की आवश्यकता होती है। सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश का वेतन 2.80 लाख रुपए प्रति महीना होता है। वही सर्वोच्च न्यायालय में उपस्थित अन्य जजों की सैलरी 2.50 लाख रुपए होती है।

जज कौन होता है कैसे बने? इससे संबंधित प्रश्न व उत्तर (FAQs)

Q:-1. जज कौन होता है?

Ans:-1. जज वह व्यक्ति होता है, जो कोर्ट के अंतर्गत सभी पक्षों की दलीले सुनता है तथा अपना एक निर्णय देता है। जज के निर्णय को सभी लोगों को मानना होता है। जज के साथ अन्य वकील मिलकर न्यायालय में सम्मिलित रूप से कार्यवाही करते हैं।

Q:-2. जज कैसे बने?

Ans:-2. इसके लिए सर्वप्रथम आपको 12th किसी भी स्ट्रीम से पास करनी होगी। इसके तत्पश्चात आपको लॉ की डिग्री प्राप्त करनी होगी। इसके बाद आपको 7 साल का वकालत अनुभव लेना होगा। फिर, राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा जज बनने के लिए एक परीक्षा आयोजित कराई जाती है। इस परीक्षा को पास करने के बाद आप जज बन जाएंगे।

Q:-3. जज बनने के लिए कितने चरणों से होकर गुजरना पड़ता है?

Q:-3. राज्य लोक सेवा आयोग के द्वारा तीन चरणों में आपकी परीक्षा आयोजित कराई जाती है। प्रथम चरण में आपको प्रारंभिक परीक्षा को देना पड़ता है। जिसके अंतर्गत आप दो पेपर देते हैं। दूसरे चरण में आपको मुख्य परीक्षा से गुजरना पड़ता है जिसके अंतर्गत 5 पेपर देने होते है। तृतीय चरण में आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। इस परीक्षा को पास करने के बाद ही आप एक जज बन सकते हैं।

Q:-4. लॉ की डिग्री कैसे प्राप्त करें?

Ans:-4. लॉ की डिग्री आप 12th करने के तत्पश्चात किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पास कर सकते हैं। यह डिग्री 5 साल की होती है। परंतु यदि आप स्नातक कर चुके हैं। तो भी आप लॉ की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। तब आप इस लॉ की डिग्री को 3 साल के अंतर्गत कर सकते हैं।

Q:-5. सर्वोच्च न्यायालय के जज की सैलरी कितनी होती है?

Ans:-5. वैसे तो जज की पोस्ट अलग-अलग होती हैं। सभी जज की सैलरी अपनी अपनी पोस्ट पर निर्भर करती है। परंतु हम यहां आपको सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सैलरी के बारे में जानकारी दे रहे हैं। उनकी सैलरी 2.80 लाख रुपए प्रतिमाह होती है।

Q:-6. एक जज के द्वारा कितने कार्य किए जाते हैं?

Ans:-6. यदि आप जज के कार्य की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। तो हम आपको बता दें, हमारे द्वारा ऊपर Work as a judge? के बारे में आपको संपूर्ण जानकारी दी गई है। यहां से आप इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज हमारे द्वारा आप सभी को इस आर्टिकल के अंतर्गत What is a judge? How to become a judge? What is the salary of a judge? Qualification of a judge? आदि के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई है। यदि आप भी कानून की पढ़ाई में दिलचस्पी रखते हैं तथा आपको अपने देश के लिए कुछ करना है। तो आप हमारे द्वारा ऊपर बताई गई जानकारी के अनुसार जज बनने की तैयारी कर सकते हैं। हमें उम्मीद है कि आपके लिए हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी। यदि आपको हमारे द्वारा दिया गया यह लेख पसंद आया हो तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताइए। साथ ही साथ हमारे इस लेख को अपने सभी जरूरतमंद दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ शेयर अवश्य करें।

रिया आर्या

मैं शाहजहाँपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूँ। शुरू से ही मुझे डायरी लिखने में रुचि रही है। इसी रुचि को अपना प्रोफेशन बनाते हुए मैं पिछले 3 साल से ब्लॉग के ज़रिए लोगों को करियर संबधी जानकारी प्रदान कर रही हूँ।

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