Short Hindi stories with moral values-ऊपर वाले पर भरोसा रखो।

Short hindi stories with moral values 

Short hindi stories with moral values-ऊपर वाले पर भरोसा रखो।

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 यदि आपका रिश्ता उपर वाले से मजबूत हैतो आपका   नीचे वाला कोई कुछ नहीं कर सकता। 


शीर्षक – भरोसा रखे वो किसी का बुरा नहीं होने देगा

एक बार एक व्यक्ति शाम में सब्जी खरीदने के लिए मंडी में गया, वहां पर उन्होने देखा कि एक ठेला है, ठेले पर फल रखा हुआ है मगर ठेलेवाला नहीं है।


उसे सोचा कि ठेलेवाला कहाँ गया, आसपास उसने देखा तो उसे कोई दिखा नहीं।


ठेले के उपर मे छोटा सा एक बोर्ड रखा हुआ था जिस पर लिखा था कि अगर आप जल्दी मे है तो आप फल तौल ले, आपके जो पैसे बनते है वो आप ठेले के सामने एक डब्बा है उसमे रख दे और चले जाए।


मुझे बीच बीच मे घर जाना पड़ता है, मेरी माँ बूढ़ी है और बहुत बीमार है।


उपर वाले पर भरोसा रखो।


घर में कोई और देखभाल करने के लिए नहीं है तो उन्हे खाना खिलाने के लिए, दवाइयाँ खिलाने के लिए या और भी काम कराने के लिए मुझे घर जाना पड़ता है।एक लाइन और नीचे लिखी थी।

की अगर आपके पास पैसे नहीं हैं तो आप कोई भी सामान मुफ्त मे ले जाए, आपको इजाजत है।

ये पढ़ने के बाद उस व्यक्ति को लगा कि यह कौन हो सकता है जिसने आज के समय में लोगों पर इतना विश्वाश किया।

मैंने फिर से आसपास देखा मगर कोई नहीं था, उस व्यक्ति ने price list मे सब सामान का मूल्य देखा और 2 kg सेब, 2 दर्जन केले और कुछ सब्जियाँ लेकर पैसे उस डब्बे मे रख दिया। उसने देखा कि वहां पर पहले से कुछ पैसे भी रखे हुए हैं।तब उसे लगा कि लोग ये कर रहे हैं।

शाम में वह व्यक्ति अपने घर आ गया खाना पीना बऩाया और फिर बाहर घूमने को निकल गया।

गलती से वो ठेलेवाला उस व्यक्ति को दिख गया, वह ठेले को धके लगाते हुए ले जा रहा था, फटे पुराने कपड़े थे।

ये कहानी पढ़ो सफलता जरूर मिलेगी।

उस व्यक्ति ने उसे आवाज दिया, तो ठेले वाले ने बोला कि माफ कीजिए फल ख़त्म हो गए हैं आप कल आइए।
तो उस व्यक्ति ने कहा कि मैंने फल तो ले लिए और पैसे भी रख दिए थे।


आपसे कुछ बात करना चाहता हूं।


वो दोनों एक ढाबे पे गए।
ठेलेवाले से उस व्यक्ति ने खाना खाने को कहा लेकिन उसने मना कर दिया, दोनों के लिए चाय मंगवाया गया।

चाय पीते पीते कुछ बातें होने लगी, उस व्यक्ति ने उस ठेलेवाले से उसका नाम पूछा फिर उस बोर्ड पर लिखे संदेश के बारे मे पूछा कि आप ऐसे अकेले ठेले को छोर के चल जाते हैं, आपको डर नहीं लगता है कि आपका सामान जो है वो चोरी हो जाएगा।

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तो ठेलेवाले ने अपनी कहानी सुनायी वो ध्यान से पढियेगा।

इसे पढ़े ये आपके जीवन को बदल देगी।



उसने कहा कि बाबूजी मेरी माँ पिछले 2-3 साल से बहुत बीमार रहती है, मेरी कोई भी संतान नहीं है, मेरी पत्नी भी मर चुकी है तो इस दुनिया में बस मै हूँ और मेरी माँ है।

मैंने एक दिन अपनी माँ से पैर दबाते हुए कहा कि माँ आप बार बार मुझे कहती हैं कि घर में रहा कर, तू चला जाता है तो मेरा जी घबराता है, मन नहीं लगता लेकिन आप समझो मेरे पास पैसे नहीं हैं, अगर मै घर में रहूँगा तो पैसे कमाएगा कौन? आपकी देखभाल कैसे होगी।

मेरी माँ ऊपर वाले पर बहुत यकीन रखती है, उन्हे ऊपर वाले पर बहुत भरोसा है।

उन्होने ऊपर वाले को याद करके बोला कि बेटा एक काम कर, तू ठेले को मंडी मे छोर के आ जाया कर और उस पर एक बोर्ड लगा दे और उसपर अपनी सारी कहानी लिख दे, और तू देख शाम मे जब तू ठेला लाने के लिए जाएगा तो तेरा एक रुपया इधर उधर नहीं होगा।

मैंने अपनी माँ को बोला कि क्या बेकार सी बात कह रही हो आप सोच भी रही हो आप क्या बोल रही हो?
आज के समय मे ऐसा माहौल है और इतने चोर है ऐसे में कौन मेरी बात पर यकीन करेगा और जिस ठेले पर ठेलेवाला नहीं होगा वहा से फल कौन खरीदेगा।

तो मेरी माँ ने कहा कि फालतू की बात मत कर ऊपर वाले को याद कर, हमारी किस्मत मे जितना होगा वो हमें जरूर मिलेगा।



ये जरूर पढ़े।

उस दिन के बाद से बाबूजी 3 साल हो गए रोज यही करता हूं।
सुबह जाता हूँ ठेले पर सब सामान लगा देता हूँ और वापस आ जाता हूँ और सीधे फिर शाम मे जाता हूँ सबको लगता है कि बीच बीच में जाता हूँगा लेकिन मैं जाता नहीं हूँ।

और आप यकीन नहीं करोगे रोजाना एक रुपया इधर उधर नहीं होता बदले में कई दिन ज्यादा ही पैसे मिलते हैं कई बार लोग माँ के नाम पर कुछ एक्सट्रा पैसे रख जाते हैं, कई बार छोटे छोटे बच्चे माँ के खाने के लिए कुछ कुछ रख जाते हैं और पर्ची लिख जाते है कि ये आपकी मम्मी के लिए है।

एक बार एक डॉक्टर साहब एक पर्ची छोर के चले गए जिसमे उनका नंबर लिखा था और लिखा था कि आपकी माँ यदि ज्यादा बीमार हो तो आप मुझे इस नंबर पर कॉल कर ले, तबसे सब वैसा ही चलता आ रहा है उपर वाले के आशीर्वाद से, माँ के आशीर्वाद से सब कुछ मिल रहा है।


इस short hindi stories से सीख

ये छोटी सी कहानी हमें यह बताती है कि,

तेरे दर पर आने से पहले मैं बड़ा कमजोर होता हूँ।
मगर तेरी दहलीज को छूते ही कुछ और होता हूँ।


अपने ऊपर यकीन रखे अपने ऊपर वाले पर यकीन रखे, ऐसी कोई चीज नहीं है जो आपको नहीं मिलेगी,
वक़्त लग सकता है लेकिन मिलेगी जरूर।
देर है अंधेर नहीं।


यदि आपको यह short hindi stories हमारी स्टोरी पसंद आए तो हमें कमेंट करके बताए।
धन्यवाद।


राधा वैश्य

राधा वैश्य लखनऊ उत्तर प्रदेश से हैं। वह शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ीं हैं, और लोगों के साथ ज्ञानवर्धक जानकारी साक्षा करने में रूचि रखतीं हैं। इनके 500 से ज्यादा लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

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