Inspirational stories in Hindi का शीर्षक :- दुनियामें सब कुछ जानकर भी अनजान बने रहते हैं हम।
हर किसी के जिन्दगी में कभी ना कभी किसी ना किसी तरह की प्रॉब्लम आती है,हो सकता है कि इन दिनों आपकी लाइफ में कुछ परेशानियां चल रही हो।
एक बार की बात है एक सेठ जी और सेठानी जी के पास में बोलने वाला तोता था, और जब तोते का मूड होता था तो वो इंसान की आवाज में बात करता था।?
हार गए तो क्या होगा
सेठ जी और सेठानी जी जो थे बहुत ही भक्त टाइप के इंसान थे, हमेशा इन्हे भक्ति में मन लगा रहता था,हर शाम को ये एक सत्संग में जाते थे।
एक बाबाजी के यहा जाते और सत्संग सुनके वापस आ जाते। ये कहानी आपके जीवन को बदल देगी
एक दिन जैसे ही वो लोग सत्संग के लिए जा रहे थे तभी तोते ने सेठ जी को आवाज लगायी कि मालिक मेरा एक सवाल है, आज आप सत्संग में जा रहे हैं महाराज जी से पूछना जरूर।
मेरा सवाल है कि मै आजाद कब हूँगा?
सेठ जी ने कहा ठीक है तुम्हारा सवाल भी पूछ लेंगे।
शाम मे वो लोग पहुचें वहां बाबाजी का सत्संग चल रहा था, सत्संग ख़त्म हुआ, सत्संग ख़त्म होने के बाद सवाल जवाब होना शुरू हुआ।
सेठ जी ने कहा आज मेरा सवाल नहीं है, मेरे तोते का सवाल है
तोता पूछना चाहता है कि वह आजाद कब होगा.?
जैसे ही ये सवाल सेठ जी ने पूछा महाराज जी बेहोश हो गए।अब बाबाजी के लिए पानी लाया गया उन्हे जैसे तैसे होश आया।
सक्सेस होने के लिए जरूर पढ़े उसके बाद सेठ जी वापस अपने घर पहुचें।घर पहुचते ही तोते ने पूछा मालिक क्या हुआ?मेरे सवाल का जवाब मिला। सेठ जी ने कहा तुम हो ही मनहूस, मैंने जैसे ही तेरा सवाल पूछा महाराज जी बेहोश हो गए, जैसे तैसे उन्हे होश आया, तेरा सवाल अब मै दोबारा कभी पूछूँगा ही नहीं।
ये कहकर सेठ जी वहा से चले गए।
अगली शाम फिर से सेठ जी सेठानी जी सत्संग में गए और जब वापस आकर देखा तो तोता मरा पड़ा है।
उन्होने सोचा कि अरे ये तो बहुत गलत हो गया,पिंजरे को बाहर ले गए घर के तोते को बाहर निकालने के लिए,जैसे ही पिंजरा खुला तोता उड़ गया।सेठ जी को कुछ समझ में नहीं आया।
सेठ जी अगली शाम फिर से सत्संग में पहुचें,महाराज जी ने सेठ जी से पूछा कि उस तोते का जो सवाल था, हुआ क्या उस तोते का?
तो सेठ जी ने कहा कि तोता तो बड़ा कलाकार निकला,मैंने सोचा कि वो मर गया और मैंने जैसे ही उसे पिंजरे से बाहर निकालने की कोशिश की वह उड़ गया।
महाराज जी ने कहा कि देखो तोता भी मेरे बात को समझ गया लेकिन तुम मेरे पूरे बात को नहीं समझ पाए।
हर शाम तुमलोग यहां आते हो इतनी सारी ग्यान की बातें करते हो लेकिन उसे जिन्दगी मे उतारते नहीं हो।
Inspirational stories in Hindi से निष्कर्ष :-
बचपन से लेकर अबतक बहुत सारी बातें हमें माँ बाप ने सिखाई है शिक्षक ने सिखायी है हमारे बड़े बुजुर्गो ने सिखायी है लेकिन उसे हम अपनी जिन्दगी मे नही उतारते लेकिन मालूम हमें सब होता है, हमें मालूम है कि यदि मंजिल तक हमें पहुचना है तो पूरी लगन से काम करना होगा, तभी हम जो चाहते है वो हमें मिलेगा।
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राधा वैश्य लखनऊ उत्तर प्रदेश से हैं। वह शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ीं हैं, और लोगों के साथ ज्ञानवर्धक जानकारी साक्षा करने में रूचि रखतीं हैं। इनके 500 से ज्यादा लेख प्रकाशित हो चुके हैं।