Hindi kahaniya for kids-बच्चों के लिए हिंदी कहानी।

Hindi kahaniya for kids-बच्चों के लिए हिंदी कहानी।

बच्चों के लिए हिंदी कहानी का शीर्षक-जादूई रस्सी

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यह कहानी एक गाँव के व्यापारी की है जो ऊंटों पर अपने सामान लादकर अपना व्यापार करता था। एक दिन वह गाँव से सामान लादकर शहर की ओर जा रहा था और मन में सोच रहा था कि आज मुझे ढेर सारे सामान बेचने होंगे ताकि मैं घर आकर बच्चो के लिए ढेर सारे सामान खरीद सकूँ।


वह सामान लेकर जा ही रहा था कि रास्ते में उसे पंडित जी मिल गए। पंडित जी ने पूछा कि कहाँ जा रहे हो? तो व्यापारी ने जवाब देते हुए कहा कि मैं शहर जा रहा हूँ और आज तो मैंने सोचा है कि मैं आज अपने सारे सामान बेच दूँ।
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पंडित जी ने पूछा कि ठीक है फिर तुम कब तक लौटोगे? तो व्यापारी ने जवाब दिया कि जब तक ये सारा सामान बिक जाएगा तब मैं घर आ जाऊंगा, यह कहकर वह व्यापारी वहां से चला जाता है।

शहर पहुंचकर वह लोगों को अपने सामान को बेचने लगता है। ऊँट के ऊपर कपड़े और बच्चो के लिए खिलौने रखे हुए थे। एक बच्चा वहाँ आता है और व्यापारी से कहता है कि काका मुझे खिलौने दिखाओ।

व्यापारी ऊंटों में बंधे हुए रस्सी को खोलता है और उसे खिलौने दिखाने लगता है। व्यापारी उस बच्चे को हर तरह के खिलौने दिखाने लगता है। बच्चे ने व्यापारी से खिलौने का दाम पूछा, व्यापारी ने उस खिलौने का दाम तीस रुपये बताया।

उस बच्चे ने व्यापारी को कहा कि ठीक है आप यही रुकिए मैं तुरंत अपने घर से पैसे लेकर आता हूँ और यह कहकर बच्चा दौड़कर जाने लगता है और घर से तीस रुपये लेकर आता है और वह बच्चा खिलौना लेकर हँसते हुए अपने घर चला जाता है।

वह व्यापारी फिर से अपने खिलौने को बाँधकर आगे चलने लगता है। व्यापारी चलते हुए मन में बोलता है कि अभी तो बहुत कम खिलौने बीके है, मुझे तो अभी बहुत सारे खिलौने बेचने है। फिर उसने सोचा कि क्यूँ ना मैं ये सारे खिलौने गांव में बेच दूँ और बचे हुए सामान और खिलौने को शहर में बेचूँगा।

फ़िर वह गाँव में ही घूमने लगता है और सारे खिलौने और सामान को वह घूम घूमकर बेचने लगता है। इस तरह से वो दिनभर में ढेर सारे खिलौने और कपड़े को बेच देता है। दिन भर गाँव में घूमने की वजह से वह बहुत थक जाता है और थोड़ा आराम करने की सोचता है।

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चलते चलते उसे एक झोपड़ी दिखाई देता है और फिर वह सोचता है कि उसे उस झोपड़ी में ही आराम करना चाहिए। और फिर वह अपने ऊंटों को उस घर में ही बांध देता है लेकिन जब वह अपने तीसरे ऊँट को बांधने जाता है तब उसकी रस्सी छोटी पड़ जाती है। फिर वह सोचने लगता है कि दो ऊंट तो बाँध दिया अब इस तीसरे का क्या करूँ। इसलिए वह परेशान भी हो जाता है। 

तभी वहाँ सामने से एक आदमी गुजरता है और वह देखता है कि व्यापारी जो है परेशान हैं। वह व्यक्ति व्यापारी के पास जाता है और पूछता है कि क्या हुआ आप इतने परेशान क्यूँ है?

तो व्यापारी कहता है कि मैं बहुत थक गया हूँ और मैं आराम करना चाहता हूँ, मैंने दोनों ऊंटों को अच्छे से बांध दिया है लेकिन इस तीसरे ऊँट को बांधने के लिए मेरे पास रस्सी नहीं है। तो उस व्यक्ति ने कहा कि बस इतनी सी बात? इसका उपाय है, मेरे पास एक जादुई रस्सी है। व्यापारी चौंकते हुए पूछता है कि यह जादुई रस्सी क्या है? 
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तो उस व्यक्ति ने कहा कि जिस तरह से तुमने दो ऊँटों को बांधा है उसी तरह तुम तीसरे ऊँट को भी काल्‍पनिक रस्सी से बांध दो। व्यापारी उस व्यक्ति के बात को समझ गया था और वह उस तीसरे ऊँट को काल्‍पनिक रस्सी से बांध देता है और तीसरा ऊँट भी चुपचाप बैठ जाता है। और व्यापारी बड़े आराम से अंदर सो जाता है।

घंटों भर सोने के बाद जब वह व्यापारी उठता है तो देखता है कि तीनों ऊँट आराम से बैठे हुए थे। वह मन में खुश हुआ कि तीसरा ऊँट भी सही सलामत है। फिर वह अपने घर जाने के लिए तैयार होता है और दोनों ऊँट की रस्सी को खोल देता है।

दोनों ऊंट के रस्सी खुलते हीं दोनों उठ जाते हैं लेकिन तीसरा नहीं उठता है, व्यापारी बार बार उस ऊँट को उठने बोलता है लेकिन वह नहीं उठता। व्यापारी बहुत प्रयास करता है लेकिन वह ऊँट नहीं उठता है और मजबूरी में व्यापारी ऊँट पर डंडे से प्रहार करने लगता है। लेकिन फिर भी वह तीसरा ऊँट नहीं उठता है। 
तभी वहाँ से फिर से वही व्यक्ति गुजरता है और देखता है कि व्यापारी जो है उस ऊँट को डंडे से मार रहा है। वह व्यापारी के पास पहुँचता है और पूछता है कि वह ऊँट को क्यूँ मार रहा है।

व्यापारी ने जवाब देते हुए कहा कि यह तीसरा ऊँट खड़ा ही नहीं हो रहा है उसके बाद वह व्यक्ति उसे समझाते हुए बोलता है कि तुमने इसे जिस काल्पनिक रस्सी से बांधा था वो तो खोलो। व्यापारी इस बात को समझ जाता है और फिर वह नाटक करता हुआ झूठ का उस रस्सी को खोलने लगता है, और जैसे ही वह उस रस्सी को खोलता है वह ऊँट तुरंत खड़ा हो गया। 

व्यापारी उस व्यक्ति को शुक्रिया करते हुए आगे बढ़ता है और अपने घर के लिए जाने लगता है।

इस hindi kahaniya for kids का संदेश-

  • आज के यह समाज भी तीसरे ऊँट की तरह हो गया है कोई भी नयी सोच को अपनाना नहीं चाहता है, बस सब पुरानी सोच और पुराने रीति रिवाज को लेकर चले आ रहे हैं।

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राधा वैश्य

राधा वैश्य लखनऊ उत्तर प्रदेश से हैं। वह शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ीं हैं, और लोगों के साथ ज्ञानवर्धक जानकारी साक्षा करने में रूचि रखतीं हैं। इनके 500 से ज्यादा लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

Comments (5)

  1. भईया जी आप बहुत अच्छी जानकारी देते है। मुझे भी आपकी तरह एक ब्लॉगर बनना है। आप अपने ब्लॉग पर सभी जानकारी बहुत विस्तार से समझाते है। अगर आपको याद होगा तो मैंने पहले भी आपकी पोस्ट में कमेंट की है।

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