Google Ranking Factors की पूरी लिस्ट

google-ranking-factor-3714409
Google Ranking Factors

Google Ranking Factors को जानना आप सभी के लिए बहुत ज़्यादा ज़रूरी होता है क्योकि इसके अन्दर ही कुछ ऐसी चीज़े आती है जिन्हे आपका जानना बहुत ज़्यादा ज़रूरी होता है।

तभी इसके बाद आप अपनी वेबसाइट को पूरी तरह से Optimize कर के High Rank हासिल कर सकते हो।

आज से पहले (लगभग 10 साल पहले) Google मे रैंक करना बहुत ज़्यादा आसान माना जाता था क्योकि तब Google Ranking Factors बहुत ज़्यादा आसान हुआ करते थे और User इन्हे बहुत जल्दी पढ़ कर अपनी वेबसाइट को पहले स्थान पर कर लेते थे।

इसके बाद इस फील्ड में बहुत ज़्यादा competition हो गया और लोग Black Hat SEO का इस्तेमाल करके बहुत ज़्यादा Spamming करने लगे जिस की वजह से मज़बूर हो कर Google ने अपना पूरा का पूरा रैंकिंग Ranking Factor ही बदल दिया और जो वेबसाइट कुछ भी गलत करती थी उनके लिए Google Penguin और Google Panda को लांच कर दिया गया।

इसके बाद तो जानो Internet Marketing मे क्रांति सी आ गयी क्योकि Google के इन दोनों bot ने एक साथ मिलकर इतनी सारी वेबसाइट को penalized कर दिया।

लेकिन हम मे कुछ लोग आज भी उन पुराने Google Ranking Factors पर काम कर रहे हैं जो कि बदल चुके हैं और शायद इस वजह से ही आज उनकी वेबसाइट को हाई रैंक नहीं मिला करती है।

तो अब हम शुरू करते हैं और Google Ranking Factors के बारे में पूरे विस्तार से जान लेते हैं।

Google Ranking Factors

(नोट: यह जो Google Ranking Factors हम आपको बताने वाले हैं यह सभी हमारी स्टडी के द्वारा बनाए हुए हैं और इनमे से हो सकता है कि कुछ गलत भी हो क्योकि Google ने कभी खुद अपने factor के बारे में नहीं बताया है)

1. Domain Trust

आज पूरी की पूरी रैंकिंग में यह सबसे अहम रोल निभाता है क्योकि अगर गूगल की नज़रों मे आपकी वेबसाइट के लिए अभी तक ट्रस्ट (भरोसा) नहीं बना है तो आप जल्दी से हाई रैंक नहीं कर पाओगे।

Google ने यह factor इस लिए चुना है कि कोई नयी वेबसाइट आकर जल्दी से पूरी established वेबसाइट की रैंक न खत्म कर सके।

अगर आप भी जानना चाहते हैं कि Domain Trust कब बनता है तो फिर अभी देख लेते हैं।

इसको बन ने मे कम से कम 6 महीने से लेकर 1 साल का समय लग जाता है वह भी तभी जब आपके पेज मे कुछ क्वालिटी हो जैसे कि Quality Content या फिर Quality Work आदि।

इसको देखने के लिए सबसे पहले आप Google.com पर जाओ और इसके बाद वहा पर मौजूद Search Bar मे अपनी वेबसाइट को सर्च करे। उदहारण के लिए “samajik.in”

इसके बाद आपको सबसे ऊपर आपकी वेबसाइट शो होगी और अगर उसके साथ आपको आपकी Sitelink भी दिखी तो समझ जाए कि अब Google आपकी वेबसाइट पर भरोसा करने लगा है।

Sitelink का उदहारण आप नीचे फोटो मे देख सकते हो।

google-sitelinks-3789452
Google SiteLinks

2. Backlinks

आज यह भी सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण चीज़ों में आती है क्योकि आज Google या कोई और Search Engine इन्ही की वजह से किसी वेबसाइट की search engine rank को सेट करते हैं।

कोई भी search engine यह नहीं चाहता है कि आप कोई spammy backlink बनाओ बल्कि वह इस बात पर ज़्यादा फोकस करते हैं कि आपकी सभी backlink organic हो।

इस वजह से अगर आप कोई Backlink आप खुद बनाते हो और Google को ऐसा लगता है कि वह Backlinks Organic तरीके से नहीं बनी हुई है तो फिर आपको इसका बिल्कुल भी फायदा नहीं मिलता है और उल्टा कभी – कभी Google Panda या Penguin आपकी वेबसाइट को penalized कर देते हैं।

ऐसे मे अगर आप कभी खुद भी Backlinks बनाते हैं तो आप सिर्फ Organic तरीका यानी कि सिर्फ White Hat Method का ही इस्तेमाल करे।

क्योकि इससे आपका ब्लॉग बिल्कुल भी penalized नहीं होगा।

अगर आपको Backlinks बनाने के तरीके जानने है तो आप अभी नीचे दिया गया आर्टिकल ज़रूर पढे।

Backlinks बनाने के बढ़िया तरीके

3. Social Signal

social-signal-1889332
Social Signal

आज Social Signal भी एक Google Ranking Factors का हिस्सा बन चुका है और इसमे Google यह जानना चाहता है कि User को आपकी पोस्ट कितनी ज़्यादा पसंद आई है?

यह तरीका बहुत ही बढ़िया है क्योकि Google अपने हिसाब को छोड़कर इसकी मदद से User को यह पेज कैसी लगी है और फिर इसके आधार पर Google आपके पेज को रैंक देता है।

आज बहुत से लोग अपनी वेबसाइट पर पैसे देकर यह Social Signal खरीदते हैं और उन्हे इस से बहुत ज़्यादा फायदा भी होता है लेकिन हम आपको कभी भी इसे खरीदने के लिए आपको recommend नहीं करेंगे क्योकि यह search engines की पॉलिसी के खिलाफ होता है।

4. Image (फोटो)

यह भी Google Ranking Factors का एक बड़ा रैंकिंग Factor है क्योकि गूगल का यह मानना है कि अगर किसी webpage में कोई फोटो नहीं है तो वह उसमे पूरी जानकारी नहीं देते हैं।

ऐसे मे Images इस्तेमाल करने का एक और फायदा है कि अगर आप फोटो इस्तेमाल करते हो तो आपको Google Images से भी ट्रेफिक मिलता है।

आप अपने आर्टिकल में कम से कम एक आर्टिकल का इस्तेमाल ज़रूर करे और जीतने ज़्यादा फोटो इस्तेमाल हो सके उतने ज़्यादा इस्तेमाल करे।

5. Article Words (पोस्ट के वर्ड)

यह भी गूगल के रैंकिंग factor में आया कर ता है और इसकी वजह से ही आपके आर्टिकल भी यूनिक बनते है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर आपकी वेबसाइट के हर आर्टिकल की लम्बाई 2000+ वर्ड है तो वह आपका आर्टिकल सबसे ऊपर रैंक करता है और अगर आप अपने आर्टिकल की लंबाई 1000 वर्ड से लेकर 1500 के बीच रखते हैं तो फिर आपकी वेबसाइट SERP (search engine page rank) मे टॉप 10 में आजाती है।

तो इस बात से यह साबित होता है कि आपको लंबे आर्टिकल लिखने चाहिए जैसे कि हमारी वेबसाइट पर है।

हम अपने हर आर्टिकल को कम से कम भी 1000 वर्ड का ज़रूर लिखा करते है और अगर किसी आर्टिकल की लेंथ इस से कम होती है तो वह पोस्ट हम नहीं किया करते हैं।

इस वजह से आप भी लंबे आर्टिकल लिखा किजिए।

6. Domain Age (डोमेन की उम्र)

जैसा कि मे आपको बता ही चुका हू की Domain Trust के बारे में लेकिन इसमे Domain Age भी काफी ज़रूरी है।

जितनी ज़्यादा पुरानी आपकी डोमेन होगी उतनी ज़्यादा आपको रैंक मिलेगी search engine मे।

इसके लिए आप पुरानी डोमेन यानी कि expire domain बिल्कुल न खरीदे।

अगर आप पुरानी डोमेन को खरीदते भी हो तो फिर आप उस ही टॉपिक पर काम करे जिस पर वह पहले से थी और अगर पॉसिबल हो तो वही content डाले जो उस पर पहले थे।

7. Keyword Density

Keyword Density का मतलब होता है कि आप किसी Keyword को अपने आर्टिकल में कितनी बार इस्तेमाल करते हो।

जैसा कि आप जानते ही होगे कि जो सभी webmaster Keyword Density recommend करते है वह 1% से लेकर 2.5% होनी चाहिए।

यानी कि आपका जो Main Keyword है वह सिर्फ एक आर्टिकल मे 1% से 2.5% ज़रूर होना चाहिए।

मे आपको कहना चाहूंगा कि आप अपने फोकस Keyword का इस्तेमाल सिर्फ 2% ही करें।

8. Page Speed

page-speed-2532393
Page Speed

Google या दूसरे search engine को फास्ट वेबसाइट बहुत ज़्यादा पसंद होती है और जो वेबसाइट फास्ट ओपन हुआ करती है Google उन्हे हाई रैंक भी देता है।

इस वजह से ही हाल ही मे Google ने मोबाइल के लिए एक नया प्रोग्राम AMP को लांच किया है जिससे वेबसाइट तेज़ी से ओपन होती है क्योकि जो वेबसाइट AMP इस्तेमाल करता है Google उस पेज को अपने सर्वर पर host करती है जिस वजह से पेज क्लिक करते ही खुल जाते हैं।

अगर आपकी वेबसाइट खुलने मे 3 सेकंड से ज़्यादा का समय लिया करती है तो यह आपके लिए सही नहीं है और जल्द से जल्द आपको इसे optimize करना चाहिए।

अगर आप सभी तरीके try कर चुके हैं और आपकी वेबसाइट की स्पीड बढ़ नहीं रही है तो आप फिर AMP का इस्तेमाल ज़रूर करे।

9. Copyright या Duplicate Content

copyright-8572736

अगर आप अपनी वेबसाइट मे कोई duplicate या कॉपीराइट content का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपकी वेबसाइट के लिए बहुत ज़्यादा खतरनाक है।

Google या कोई और search engine यह नहीं कहता है कि आप ऐसे पेज पर Copyright या Duplicate content का इस्तेमाल न करे लेकिन अगर आप इनका इस्तेमाल करते हैं तो आप जिस दूसरी वेबसाइट का वह पेज इस्तेमाल कर रहे हैं उसे इसके बदले में आपको Backlink देनी होती है।

लेकिन मुझे बड़े अफसोस के साथ यह कहना पड़ रहा है कि हमारे कुछ हिंदी ब्लॉगर्स आर्टिकल तो कॉपी करते ही हैं और फिर क्रेडिट भी नहीं देते हैं।

अगर आप भी कुछ ऐसा करते हैं तो बहुत ही जल्द आपकी वेबसाइट भी Google Panda द्वारा Penalized होने वाली है और आपकी सारी मेहनत पर पानी फिरने वाला है।

10. Content Update करना

अगर आप अपने content को दो बारा अपडेट नहीं करते हो तो फिर यह आपकी बहुत बड़ी गलती है क्योकि जब कोई दूसरी वेबसाइट आती है और वह आपके उस Keyword को टार्गेट करके अपना आर्टिकल लिखती हैं और आपकी रैंक हासिल कर लेती है तो ऐसे में आपको अपना content ज़रूर अपडेट करते रहना चाहिए।

इससे एक तो आपके content की freshness बढ़ती है और दूसरा आपका CTR क्योकि यूजर्स जो अभी अपडेट हुए content होते हैं उन पर आना पसंद करते हैं।

एक और फायदा यह होता है कि आपको आपकी खोयी हुई रैंक वापिस मिल जाती है। इसलिए हमेशा अपने पुराने आर्टिकल को अपडेट करते रहना चाहिए।

11. Links

यह भी Google Ranking Factors का एक बहुत ज़रूरी factor है कि आप कैसे links करते हो।

इस के हमे 2 फायदे होते हैं कि अगर आप किसी और को Links करते हो तो बदले मे वह भी आपको Links करना पसंद करता है।

दूसरा यह कि Google इन लिंक की मदद से Link Juice किया करते हैं और दूसरे links के साथ आपकी वेबसाइट रैंक में भी इज़ाफा किया करते है।

इस वजह से आप हमेशा जीतने ज़्यादा लिंक्स हो सके उतने link करे यह नहीं कि सिर्फ अपने Internal Link बल्कि बाहर के Outbound LinK भी करे।

12. Spelling Mistakes

Google को यूनिक और बिना गलती वाला content बहुत ज़्यादा पसंद होता है।

इस वजह से अगर आप खराब Grammer या फिर spelling में गलती करते हो तो आपको SERP में ऊंचा स्थान कभी भी नहीं मिलेगा।

13. Website Design

वेबसाइट डिज़ाइन पर भी आज कल कुछ ज़्यादा ही ध्यान दिया जाता है Google मे क्योकि वह देखना चाहते हैं कि यह यूजर्स के लिए ज़्यादा अच्छा है या नहीं।

इसके लिए आप बिल्कुल सिंपल सी और साफ सूत्री Theme का इस्तेमाल करे जो कि आपके लिए बढ़िया हो।

और उसके अंदर Pages और जो कुछ आपके यूजर्स के लिए ज़रूरी है वह सभी चीज़े लगाए।

14. Broken Links

यह भी एक ऐसी चीज़ होती है जो कि आपके यूजर्स के लिए बिल्कुल खराब है और आपकी SEO के लिए भी।

Broken Link वह होते है जो हमारी वेबसाइट के अन्दर links काम नहीं किया करते हैं और यह आपकी वेबसाइट के लिए बहुत खराब है और इसका सीधा असर आपकी वेबसाइट की search rank पर पड़ता है।

अगर आप भी अपनी वेबसाइट के Broken Links ढूंढना चाहते हैं तो आप इसके लिए Ahrefs का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसके अलावा भी बहुत से टूल्स मार्केट के अंदर मौजूद है इसके लिए आप Google पर सर्च कर ले।

15. Description

आपका description भी Google Ranking Factors मे आता है क्योकि इसकी वजह से ही यूजर्स यह पढ़ पाते हैं कि आपकी वेबसाइट के अन्दर क्या है।

अगर आपको Description के बारे में पूरे विस्तार से जानकारी चाहिए तो हमारी SEO वाली पोस्ट ज़रूर पढे।

16. URL Structure और उसकी लंबाई

आपके webpage के अंदर आपका जो Focus Keyword हो वह ज़रूर होना चाहिए और आप के URL बिल्कुल optimize हो।

इसकी और जानकारी के लिए भी आप हमारी SEO वाली पोस्ट को पढे।

17. Responsive Website

एक केस स्टडी के मुताबिक, आपकी वेबसाइट अब से फूल responsive होनी चाहिए और यह भी एक Google Ranking Factors में शामिल हैं।

Responsive का मतलब होता है कि आपकी वेबसाइट वेबसाइट सभी चीज़ों मे बिल्कुल फिट खुलनी चाहिए जैसे कि Laptop, Mobile, Tablet आदि।

इसे optimize करने के लिए आप कोई responsive सी थीम का इस्तेमाल कर सकते हो।

18. Useful Content

आप हमेशा अपने रीडर्स के लिए लिखा किजिये चाहिए वह कैसे भी आर्टिकल क्यों न हो और उनकी ट्रेफिक भी चाहिए कम ही हो।

जब आप कोई हाई क्वॉलिटी content लिखते हो तो आपकी रैंक एक दम बढ़ने लग जाती है क्योकि आपका Bounce Rste कम होता है, विजिटर्स आपके पेज पर ज़्यादा समय गुजारते हैं आदि।

इस ही वजह से यह भी Google Ranking Factors मे चुना जाता है।

वैसे इसके अलावा भी वैसे तो Google Ranking Factors आते हैं लेकिन अगर आप इन सभी को अच्छे तरीके से फॉलो करते हो तो हमे उम्मीद है कि आप की वेबसाइट search engines मे बहुत हाई रैंक हासिल करेगी।

इसके अलावा अगर आपको हमारा यह आर्टिकल (Google Ranking Factors) पसंद आया है तो इस पोस्ट को सोशल मीडिया वेबसाइट पर शेयर ज़रूर करे।

और अगर आपको किसी तरह की कोई प्रॉब्लम आ रही है तो आप नीचे दिए गए हमारे कमेंट बॉक्स मे पूछ सकते हो हम सभी कमेंट का जवाब भी देते हैं।

राधा वैश्य

राधा वैश्य लखनऊ उत्तर प्रदेश से हैं। वह शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ीं हैं, और लोगों के साथ ज्ञानवर्धक जानकारी साक्षा करने में रूचि रखतीं हैं। इनके 500 से ज्यादा लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

Comments (13)

Leave a Comment