Essay on diwali in Hindi-दिवाली पर लेख।

Essay on diwali in Hindi

Essay on diwali in hindi-दिवाली पर लेख।
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प्रस्तावना-

यूँ तो भारत मे सभी वर्ग के लोग रहते हैं और सभी तरह के त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है इन्ही मे से एक पर्व दिवाली भी है।


दिवाली भारत मे मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है दिवाली हिंदू धर्म का त्योहार है।इस पर्व को भारत के लगभग सभी राज्यों मे बहुत धूमधाम मनाया जाता है।दिवाली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।

दिवाली कब और क्यूँ मनायी जाती है? 

यह पर्व कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन मनायी जाती है, दशहरा के ठीक 20 दिन दिवाली बाद मनाया जाता है, यह हर वर्ष अक्तूबर या नवम्बर महीने मे आता है। ऐसा माना जाता है कि यह भगवान राम के वनवास से घर लौटने की खुशी मे दिवाली के रूप मनाया जाता है।



भगवान राम वनवास से चौदह साल पर वापस आये थे, भगवान राम ने रावण का वध किया था, जिस दिन रावण का वध हुआ उस दिन को दशहरा के रूप मे मनाया जाता है।

वध के ठीक 20 दिन बाद भगवान राम अपने घर लौट आए, उसीदिन भगवान राम के स्वागत मे दीपक और अन्य प्रकार के रोशनी से पूरे घर और अयोध्या को सजाया गया था ।

ठीक वैसे ही आज भी हम अपने घरों को दिवाली से पहले जलाते है मानों भगवान राम फिर से घर लौट रहे है।

दिवाली का वातावरण-

दिवाली के लिए भारत मे सभी जगह बहुत हर्षोल्लास रहता है, बाज़ारों में भीड़ बढ़ जाती है। घरों को अच्छे से साफ किया जाता है, बाजारों में रौनक बढ़ जाती है।


दिवाली पर सभी नए कपड़े पहनते है, घरों मे मिठाई बनायी जाती है। मिठाई और नए कपड़ो को गरीबों को बांटा जाता है।


दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस आता है, जिसमे सभी लोग चीजों को खरीदना शुभ मानते है और लगभग सभी लोग कुछ ना कुछ इस दिन खरीदते हैं। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन कुछ ना कुछ खरीदना चाहिए। कुछ लोग बर्तन खरीदते हैं तो कुछ लोग सोना चांदी। अपनी इच्छा के अनुसार सभी लोग खरीददारी करते है।

माँ लक्ष्मी और गणेश की पूजा – 

दिवाली में माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है,इस दिन गणेश जी की पूजा होती है लोग लक्ष्मी माँ से अपने और अपने परिवार के लिए धन समृद्धि की कामना करते है। दिवाली के दिन बच्चों और सभी लोगों मे अलग उत्साह होता है।

बच्चों की दीवाली – 

कुछ बच्चे घरों मे ही मिट्टी के बर्तन बनाते है और उससे खेलते हैं, लड़कियां घरों मे रंगोली बनाती है। वर्तमान की दीवाली पहले कि दिवाली से बहुत अलग है।



पहले की दीवाली मे हम दीपक जलाते थे और यह दीपक मिट्टी के बने होते थे जो कुम्हार वर्ग के लोग बनाते थे लेकिन आज के समय मे सभी लोग प्लास्टिक से बने या फिर इलेक्ट्रॉनिक लाइट का प्रयोग करने लगे है जिससे कि उनके द्वारा बनायी गयी दिए का बिक्री नहीं हो पाता।

दिवाली पर प्रतिग़या-

मैं हमेशा आपको एक बात बताऊँगा कि आपको हमेशा इनसे ही दिए खरीदने चाहिए, बाहर की चीजों का वहीष्कार करना चाहिए।


इस दिन बच्चे और सभी लोग पटाखो का इस्तेमाल करते है, हमें ज्यादा पटाखों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्यूंकि अभी के समय में हमारे भारत मे प्रदूषण बढ़ते जा रहा है जिससे कि बहुत सारे प्राकृतिक बदलाव हो रहे हैं। जो भविष्य में हमारे लिए बहुत खतरनाक है।

प्रत्येक दिवाली के बाद हमें भारी प्रदूषण का सामना करना पड़ता है, कई राज्यों मे पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन फिर भी कुछ लोग इसका इस्तेमाल करते है।

हमें ऐसा नहीं करना चाहिए यदि खुशी मनाना ही है तो उस पैसे से गरीबों को खुशियां देनी चाहिए ताकि उनकी दीवाली भी खुशियों से भर जाए।

दिवाली के पर्व से सीख-

हमें सबसे पहले इस दिन बड़ों का आशीर्वाद लेना चाहिए, अपने घरों को अच्छे से साफ करना चाहिए और सजाना भी चाहिए।


नए कपड़े पहनने चाहिए और गरीबों को भी खुशी देनी चाहिए। रात मे भगवान की पूजा करनी चाहिए।

मैं आशा करता हूँ कि यह essay on diwali in Hindi आपको अच्छी लगी होगी यदि ऐसा है तो हमें कमेंट करके बताए। 
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राधा वैश्य

राधा वैश्य लखनऊ उत्तर प्रदेश से हैं। वह शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ीं हैं, और लोगों के साथ ज्ञानवर्धक जानकारी साक्षा करने में रूचि रखतीं हैं। इनके 500 से ज्यादा लेख प्रकाशित हो चुके हैं।

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