शिशु के स्वास्थ्य के लिए दूध बहुत ही जरूरी है। इसलिए 6 महीने तक बच्चों को मां का दूध अवश्य पिलाना चाहिए और अगर हो सके तो बच्चों को इससे ज्यादा भी मन का दूध पिलाया जाए जो कि बच्चों के लिए अधिक लाभदायक होता है। दूध के साथ-साथ बच्चों को ठोस पदार्थ भी देने चाहिए बच्चों को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए यह बच्चे के ऊपर निर्भर करता है कुछ बच्चे कम दूध पीते हैं कुछ बच्चे टाइम टाइम पर दूध की मांग करते हैं कुछ मां-बाप को बच्चों को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए इस बार में जानकारी नहीं होती है (Babies ko milk feeding)
इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बच्चों को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए। (Babies ko kitni baar dhund pilaye)इस विषय में बताएंगे अगर आपको इस विषय में जानकारी चाहिए हमारे आर्टिकल को अंत तक करें
बच्चों को रोने के कारण
बच्चों को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए (babies ko kitni baar dhund pilaye)इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि पहले आपको यह जानना जरूरी है कि बच्चों को भूख लगी भी है या नहीं। उसके बाद ही हमें बच्चों को दूध पिलाना चाहिए।

- बच्चा अगर रो रहा है तो यह आम बात है लेकिन बच्चा अगर ज्यादा देर से रो रहा हैं। आज समय हो गया उसको रोते हुए तो इसका मतलब है कि बच्चों को भूख लगी है तो उसे दूध देना चाहिए।
- कभी-कभी बच्चों की आदत होती है कि उसके होंठ सूखने लगते हैं। और वह अपने जीव को बार-बार बाहर निकलता हैं। इस बताना चाहता है कि उसे भूख लगी है तो इस विषय में हैं। बच्चे को एक बार उसको देखना चाहिए और उसे दूध लाना चाहिए।
- कभी-कभी बच्चों की आदत होती है कि अगर उसको भूख लगी है तो अपने हाथों को मुंह पर अंदर डाल देगा।
- तो अगर मैं ऐसा कर रहा है तो आपको जाना चाहिए कि आपका बच्चा भूखा है और उसे दूध देना चाहिए।
- बच्चे जब भी भूखे होते हैं तो आसपास की रखी हुई चीजों को मुंह में चूसना शुरू कर देते हैं। वह अपने भूखा होने का एहसास चलाने की कोशिश करते हैं।
- इसलिए उन्हें कोई भी चीज मिलती है मुंह में डालकर उसे चूसने लगते हैं।
- कुछ बच्चे अपने मुंह को खोलते हैं वह दिखाना चाहते हैं। क्या भूख लग रही है ऐसा करने से बच्चे को देखकर समझ जाना चाहिए कि बच्चा भूखा हैं।
- बच्चा भूखा होता है तो बहुत सारी एक्टिविटी करता हैं। अपने मां-बाप को यह जगाने के लिए कि मैं भूखा है।
- ऐसा करने में मन आपको समझ जाना चाहिए कि मेरा बच्चा बनता है और उसे टाइम पर दूध देना चाहिए।
बच्चों को कितनी बार स्तनपान कराएं (Babies ko kitni baar breastfeeding)
मां का टीवी के बाद सबसे पहले (Babies ko breastfeeding)काम होता हैं। बच्चे को स्तनपान कराना मां का दूध बच्चों के लिए सबसे ज्यादा पोषक तत्व माना गया हैं। जो कि उनके स्वास्थ्य पर भारी प्रभाव डालता है।
बच्चों का शरीर अगर बनता है तो तो मां के दूध से ही बनता हैं। पहली बार बनी हुई माता को यह नहीं पता होता है कि बच्चों को कितना दूध पिलाया जाना चाहिए। और ब्रेस्टफीडिंग किस तरह करवाई जाती है.
नई माता के लिए ब्रेस्टफीडिंग कैसे करवाई जाती हैं। ऐसा समझना के लिए पहला महीना काफी मुश्किल पड़ता हैं। पहले महीने में ब्रेस्टफीडिंग के बारे में नई माता को पता होना बहुत ही आवश्यक है।
कितनी बार बच्चों को दूध पिलाना चाहिए?
बच्चों को कितनी बार दूध पिलाना (Babies ko kitni baar dhund pilana chahiye)चाहिए उसके विषय में नीचे जानकारी दी गई है।
- नवजात बच्चे को दिन में 8 से 12 बार दूध पिलाना चाहिए ब्रेस्ट मिल्क हल्का होता हैं। इसलिए बच्चे जल्दी उसको बचा लेते हैं।
- इस वजह से बच्चे को जल्दी भूख लगने लगती हैं। इसलिए हमें बच्चों को 8 से 12 बार दूध पिला देना चाहिए।
- जब आपका बच्चा एक से दो महीने का हो जाए तो उसको 7 से 9 बार दूध पिलाना चाहिए। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाए।
- वैसे-वैसे दूध के नियम चेंज कर देने चाहिए जिस वजह को बच्चे बच्चे को कोई परेशानी ना हो।
- आपका बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता जाए तो आप मन को ज्ञात हो जाता है कि उसको कब दूध देना है। कब नहीं लेकिन बच्चे को कभी भी 4 घंटे से ज्यादा भूख नहीं रखना चाहिए।
- इस बात को रात में भी ध्यान देना चाहिए कि बच्चा 4 घंटे से ज्यादा भूख ना हो इसलिए उसे टाइम से दूध देते रहना चाहिए।
- मां को याद रखना चाहिए कि उसे हर 3 घंटे में के अंदर दूध पिला देना चाहिए। जिससे बच्चा ज्यादा भूख ना होता है मेरी इच्छा ना चाहिए।
1.कितनी देर का होना चाहिए गैप
पहले महीने में आपको पता चल जाएगा कि आपका शिशु को कब और कितनी देर में भूख लगती हैं। माता को यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि उन्होंने अपने बच्चों को दूध पिलाने में कितना गैप लिया हैं।
जिससे उनको याद रहे कि हमारा बच्चा भूखा है या नहीं। शिशु के टाइम पर बच्चों को जल्दी-जल्दी भूख लगती है। लेकिन जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है। उसकी फीडिंग टाइम काम हो जाती हैं।
2.कितनी देर पिलाए दूध
नवजात शिशु को 20 मिनट तक एक या दोनों ब्रेस्ट से दूध पिला सकते हैं। बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है। वैसे वैसे बच्चा बच्चा दूध पीना सीख जाता है।
अच्छा बड़ा हो जाता है तो 5 से 10 मिनट में दूध पीना सीख जाता है। अब यह बच्चे और मां का निर्भर करता है कि बच्चा एक ब्रेस्ट में दूध कितनी देर में पी लेता हैं।
कैसे पता करे बच्चें कि मिट रही है भूख
पहले महीने में नई माता को (Babies ki bhookh mitne ki pehchaan) समझ में नहीं आता है कि उनके बच्चे की भूख मिट गई है या नहीं। उन्हें पता नहीं चल पाता है कि उनके बच्चे का पेट भर गया है या नहीं।
अगर आपका बच्चा दिन में दो से तीन बार डायपर ही लेकर रहा है तो इसका मतलब है कि बच्चे का पेट दूध से भर गया है। पांचवें दिन बाद या इससे ज्यादा आपका बच्चा डायपर जिला कर रहा है या पोट्टी कर रहा है जिसका रंग पीला है तो इसका मतलब हैं। कि उसकी मां का दूध उसके लिए पर्याप्त पढ़ रहा हैं। अगर आपका बच्चा भूखा होगा तो वह एक्टिविटी करेगा। अगर आपका बच्चा भूखा नहीं है तो मैं आराम से खेलते रहेगा।
मां के दूध के फायदे
रिपोर्ट के अनुसार मां के (Maa ke doodh ke fayde) दूध के अभाव से कुछ बच्चे पोषण का शिकार बन जाते हैं। इसलिए डॉक्टर हमेशा 6 महीने तक मां के दूध पिलाने की ही सलाह देता हैं। जिससे हमारे बच्चे को शरीर पर कोई भी बुरा प्रभाव न पड़े मां के दूध में पर्याप्त मात्रा में पानी होता हैं।
जो कि बच्चों को हमें अलग से देने की जरूरत नहीं पड़ती है मां का दूध बहुत ही पोशाक पोशाक तो तुम मान गया हैं। जो की एक बच्चे के लिए बहुत ही फायदेमंद जरूर होता हैं। इसलिए हमें अपने बच्चों के लिए 6 महीने तक मां के दूध के अलावा कोई भी दूध नहीं पिलाना चाहिए।
बच्चों को शुलाकर फीड नहीं करना चाहिए।
बताओ कोई याद रखना चाहिए कि अपने बच्चों को सलकर कभी भी स्तनपान नहीं करना चाहिए। इसमें बच्चों को कान में इन्फेक्शन बढ़ाने का खतरा बढ़ जाता हैं। कभी-कभी बच्चों का खतरा इतना बढ़ जाता है कि उनके कान बहने लगता हैं।
नई माता को इस बात की खबर नहीं होती है कि उनको कैसे स्तनपान करना चाहिए। अगर आपका बच्चा बोतल से दूध पीता है तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों को बोतल से दूध पिलाते समय उसका सर के नीचे तकिया लगा देनी चाहिए। और अगर आपका स्तनपान करता है तो आपको उसकी गोद में उठाकर ही स्तनपान कराना चाहिए जिससे उसके कानों में इन्फेक्शन का खतरा कम रहेगा।
बच्चों का मुंह से दूध निकालना
नये माता पिता को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि वह बच्चों को दूध पिलाने के बाद क्या करना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि अपने बच्चों को अगर अपने दूध पिलाया तो उसे तुरंत बिस्तर पर ना लगे।
अगर आपने ऐसा किया तो आपको अच्छा तुरंत मुंह से दूध निकाल देगा क्योंकि वह दूर उसको हजम नहीं हो पता है। पर वस्तुओं द्वारा सर बाहर निकल जाता हैं। ऐसा ना करें अगर आपने अपने बच्चों को दूध पिलाया हैं।
तो उसको अपनी गोद में उठाकर उसके कंधे पर डालने के बाद उसकी पीठ पर हाथ फिराएं ऐसा करने से बच्चे का दूध हजम हो जाता है। और वह मुंह से दूध नहीं निकलेगा।
दूध पिलाने वाली मां को सुबह से रात तक की डाइट कैसी होनी चाहिए(breastfeeding wali maa ki diet)
दूध पिलाने वाली मां की सुबह से(Breastfeeding wali maa ki diet) रात तक की क्या डाइट होनी चाहिए। उसके विषय में नीचे जानकारी दी गई हैं। आप इसके माध्यम से अपनी डाइट के विषय में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- दूध पिलाने वाली मां को सुबह से शाम तीन मेजर मिल तीन स्नैक्स खाने चाहिए।
- हुमन मिल्क में 90% पानी होता हैं। इसलिए जितना भी आप अपनी पियेंगे दूध की सप्लाई उतनी अच्छी होगी। इसलिए आपको अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए।
- दूध पिलाने वाली माता को हरी सब्जियां खानी चाहिए। जिससे मन के अंदर आयरन की कमी ना हो। और उन्हें एनीमिया की कमी ना हो क्योंकि दूध की जारी से यह सब हमारे बच्चे के अंदर जाता हैं।
- हाई प्रोटीन डाइट में एनर्जी लाता हैं। शरीर में सस्ती नहीं आती है और आपका बच्चा स्वस्थ रहेगा।
- दलीय दूध साबूदाना मसूर की दाल यह सब दूध की क्वांटिटी को बढ़ाता है।और शरीर में ताकत लाता है। इससे आपको कमजोरी महसूस नहीं होगी।
- मां को दही से दही का सेवन करना चाहिए। दही में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और कैल्शियम से भरपूर होता हैं। साथ ही इसमें प्रोबायोटिक प्रॉपर्टी भी होती है जिससे ब्रेस्टफीडिंग करने के बाद पाचन क्रिया ठीक रहती है गैस की समस्या नहीं होती है।
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए?
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान क्या नहीं (Breastfeeding me kya nahi khana chahiye) खाना चाहिए। उसके विषय में नीचे जानकारी प्रदान की गई है।
- अगर आपका खान-पान ठीक नहीं है तो सबसे बड़ी परेशानी आपको बन सकती हैं। क्योंकि यह आपके दूध के लिए नुकसानदायक हैं।
- ब्रेस्टफीडिंग करने वाली माता को अल्कोहल से दूर रहना चाहिए।यह बच्चे पर बहुत ही बुरा प्रभाव डालता हैं। और उसके शरीर के लिए काफी हानिकारक बन सकता है। ऐसे बच्चों की सेहत हुई बिगड़ सकती है। इसलिए माता का ध्यान रखना चाहिए कि वह अल्कोहल से बचाव करें।
- चॉकलेट चाय सोडा गोल्ड रिंग इन सबसे बेस्ट फीडिंग करने वाली माता को दूर रहना चाहिए। यह सब बच्चे के लिए हानिकारक बन सकते हैं।
- कुछ शिवपुत होते हैं जिनमें मरकरी की मात्रा अधिक होती है तो उनका सेवन न करें। यह आपकी सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं। और यह शिशु के लिए काफी खतरा बन सकता है जैसे स्वोर्ड फिश मर्लिन इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
अगर बच्चे को कोलिक है तो मां को इस तरह तैयार रखें
- अगर बच्चे को कोलिक की समस्या है तो मन को ऐसी कोई चीज नहीं खानी चाहिए। जिससे उनको एसिडिटी की परेशानी हो अगर आपने कुछ ऐसा कहा तो ऐसे बच्चों की बीमारी को और परेशानी हो सकती है।
- गोबी ब्रोकली पत्ता गोभी जैसी चीज नहीं खाना चाहिए। जिन चीजों से गैस बने।
- तेज मिर्च मसाले वाले खाने नहीं खाने चाहिए। इससे हमारे पेट में एसिडिटी की दिक्कत होने की संभावना रहती हैं। इसलिए हमें तेज मसाले खाने से परहेज करना चाहिए।
- बच्चों को दूध पिलाने के बाद आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए। कि बच्चों को सही तरीके से उसको डकार आई है या नहीं।
- अगर नहीं आई है तो उसको अपने कंधे पर लेकर उसके पीठ पर हाथ फेरने जाएंगे। इससे बच्चों को डकार जल्दी आ जाती है बच्चों का दूध हजम हो जाता हैं।
- बच्चों को एकदम से दूध नहीं पिलाना चाहिए। उसको गप कर करके ही दूध पिलाना चाहिए। जिससे उसका दूध पछता रहे और उसको कोई दिक्कत ना हो
टॉपिक से संबंधित प्रश्न एवं मां के उत्तर (FAQ)
Q. बेबीस को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए?
बच्चों को 1 दिन में 8 से 10 बार दूध पिलाना आवश्यक होता है।
Q. ब्रेस्टफीडिंग मदर को अपनी डाइट कैसी रखनी चाहिए?
ब्रेस्टफीडिंग मदर को अपनी डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए और उसे ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए।
Q. बच्चों को सलकर फीड क्यों नहीं करना चाहिए?
बच्चों को सलकर फीड करने से उनके कान में इन्फेक्शन का खतरा रहता है।
Q. अगर माता को कोलिक की समस्या है तो उन्हें किन चीजों को नहीं खाना चाहिए?
अगर माता को कोलिक की समस्या है तो उन्हें गैस बनने वाली हैवी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बच्चों को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए (Baby Ko kitni baar dhund pilaye) के विषय में जानकारी देने का पूरा प्रयास किया है।
यदि फिर भी आपके मन में कोई प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट कर कर पूछ सकते हैं।
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